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Disappointment: बढ़ती निराशा और उसके कारणों से निपटें ऐसे

करिअर-कौशल: जिंदगी के किसी-न-किसी मोड़ पर निराशा हाथ जरूर लगती है। ऐसे में जरूरी है इस निराशा को दूर करें। एक बार भी निराशा जिंदगी में आने से जिंदगी बहुत-सी बर्बाद भी चली जाती है। निराशा बहुत कारणों से होती है।

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Prabha Joshi
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निराशा

निराशा से दूरी बहुत जरूरी है

Disappointment: जीवन में आगे बढ़ने के लिए मोटीवेशन बहुत जरूरी है। ऐसे में बार-बार निराश हो जाना दिनचर्या पर विपरीत असर डालता है। बहुत से ऐसे लोग है जिनको सुबह-सुबह मोटीवेशन चाहिए होता है। सुबह मोटीवेशन न मिले तो उनका पूरा दिन अव्यवस्थित चला जाता है। वहीं कुछ लोग होते हैं जो बहुत ज्यादा निराश होते हैं। 

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जिंदगी के किसी-न-किसी मोड़ पर निराशा हाथ जरूर लगती है। ऐसे में जरूरी है इस निराशा को दूर करें। एक बार भी निराशा जिंदगी में आने से जिंदगी बहुत-सी बर्बाद भी चली जाती है। निराशा बहुत कारणों से होती है।

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क्यों हो जाती है निराशा

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किसी से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखना और उसका पूरा न होना, अपने से अपेक्षाएं रखना और उसका पूरा न होना, महत्वकांक्षाओं का पूरा न होना, सफलता न मिलना और ऐसे न जाने बहुत से कारण हैं जिनसे निराशा बार-बार जिंदगी में घर कर जाती है। 

निराशा दूर करने के उपाय क्या हैं

आइए बात करते हैं किन चीजों को ध्यना में रखकर निराशा को कम किया जा सकता है :-

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कारण पहचानें 

सबसे पहले तो जरूरी है निराश होने के पीछे कारण जानें। अपने से पूछें कि आप निराश क्यों हैं। ऐसे में जो बाद सामने आए उस पर विचारें कि क्या वो बदली जा सकती है? अगर हां, तो बदलने में जुट जाएं वहीं अगर जवाब हो तो उस पर ज्यादा न सोचें। ज्यादा सोचने से फिर दिमाग एक ही बात पर घूमता रह जाता है और निराशा बढ़ती जाती है। ऐसे में जरूरी है निराशा के कारणों की पड़ताल करें। 

अपने शौक को समय दें 

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बहुत बार ऐसा होता है हम जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने शौक को समय नहीं दे पाते। ऐसे में धीरे-धीरे हम अपनी जिंदगी का आनंद खोते जाते हैं। जब वहीं व्यस्तता हमारी जिंदगी में बाधा खड़ी करती है तो हम बहुत ज्याद निराश हो जाते हैं। यहीं पर काम आते हैं हमारे शौक। बेहतर है ऐसे समय में अपने शौक दोबारा शुरु करें। इसके साथ ही यह भी तय करें कि आगे किसी भी काम में आपको अपने शौक को नहीं त्यागना है। 

मिलें-जुलें 

निराश होने पर जो सबसे बड़ा मोटीवेशल कदम है वो है अपने साथियों से मिलें मसलन आप उन लोगों के साथ अपना समय व्यतीत कर सकते हैैं जो आपको मोटीवेट करते हैं। इसका मतलब ये कतई नहीं है कि जाकर सोशल मीडिया में बैठ जाएं, बल्कि उन लोगों से साक्षात मिलें या फोन कॉल भी कर सकते हैं। बातचीत से बहुत-सी समस्याओं का हल निकल जाता है और साथ ही मोटीवेशन भी मिलताा है। ये उपाय ऐसे समय में काफी कारगर है। 

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घूमने जाएं 

निराश होने पर आप घूमने निकल सकते हैं। घूमना भी एक तरह की एक्सरसाइज है। घूमने से आपका मूड भी रिफ्रेश होगा साथ ही कोई नया आइडिया भी मिल सकता है। इसके साथ ही घूमने से बहुत-सी नॉलेज होगी और आपका उस चीज से ध्यान भटका रहेगा जो आपमें तनाव या निराशा पैदा कर रही है। 

इस तरह उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए आप अपनी निराशा को कम कर सकते हैं। निराशा कम होने से आपका दिमाग ज्यादा अच्छे से काम करने लगेगा और आपको महसूस होगा कि कितना समय आपने व्यर्थ गंवा दिया। इस तरह आप निराशा के प्रति नए विचार पैदा कर सकेंगे। 

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