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Periods As Festival: भारत के ऐसे राज्य जहां पर पीरियड को त्यौहार की तरह मनाया जाता है

फ़ीचर्ड: पीरियड के समय में महिलाओं को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें बहुत सी छुआछूट जैसी समस्याएं भी सहनी पड़ती हैं। लेकिन आज भी भारत में कुछ ऐसे राज्य हैं जहां पीरियड आने पर त्यौहार की तरह मनाया जाता है। अधिक पढ़ें इस ब्लॉग में -

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Priya Singh
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Periods As Festival

Indian States Where Period Is Celebrated As A Festival ( Image Credit - Good News Today )

Periods As Festival: पीरियड के समय में महिलाओं को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें बहुत सी छुआछूत जैसी समस्याएं भी सहनी पड़ती हैं। लेकिन आज भी भारत में कुछ ऐसे राज्य हैं जहां पीरियड आने पर त्यौहार की तरह मनाया जाता है। लोग लड़कियों के पहले पीरियड को त्यौहार के रूप में मनाते हैं। पहले के समय से लोगों में अब पीरियड्स को लेकर काफी ज्यादा बदलाव आये हैं लेकिन फिर भी भारत में कई जगह पर पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अजीब नज़र से देखा जाता है और उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है।
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जानिए कौन से हैं भारत के ऐसे राज्य जहां पर पीरियड को त्यौहार की तरह मनाया जाता है

1. तमिलनाडु

तमिलनाडु में जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड आता है तो वहां उसे मंजल निरातु विज़ा नाम के एक त्यौहार के रूप में मनाते हैं। यह एक बहुत भव्य समारोह की तरह मनाया जाता है। इसमें सभी रिश्तेदार कार्ड देकर बुलाए जाते हैं। इसमें लड़की के चाचा नारियल, आम और नीम के पत्तों की सहायता से एक झोपड़ी या कुदिसाई बनाते हैं। उसके बाद लड़की को हल्दी के पानी से नहलाकर उसे इसी कुदिसाई ( एक तरह की झोपड़ी ) में रखते हैं। इस झोपड़ी में झाड़ू और स्वादिष्ट पकवान भी रखे जाते हैं। लड़की को नहलाने के बाद रेशम की साड़ी और गहने पहनाते हैं।
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2. असम

असम में जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स होते हैं, तो वहां के लोग इसे बहुत ख़ास तरीके से मनाते हैं। इस दिन असम में 'तुलोनिया बिया' नाम का फंक्शन मनाया जाता है। तुलोनिया बिया को बिलकुल शादी की तरह सेलिब्रेट किया जाता है। इस फंक्शन में लड़की को कई तरह के काम करने की इजाज़त नहीं दी जाती है। उसे एक कमरे में रहना होता है। तुलोनिया बिया में लड़की को सात दिनों तक अलग जगह पर रखा जाता है, क्योंकि उनकी प्रथा के अनुसार पीरियड्स के समय सूर्य, चंद्रमा और सितारों को देखना अशुभ होता है। सात दिन बाद केले के पौधे से लड़की की शादी कराते हैं। इसमें सभी रिश्तेदार लड़की को गिफ्ट और आशीर्वाद देते हैं।

3. कर्नाटक

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कर्नाटक में जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स होते हैं तो वहां पर इसे जश्न के रूप में मनाया जाता है। कर्नाटक में  इसे 'ऋतुशुद्धि' या 'ऋतु कला संस्कार' कहते हैं।इस दिन लड़कियां पहली बार साड़ी पहनती हैं।जिसका मतलब होता है कि अब लड़की मेंटली और फिजिकली रूप से मेच्योर हो गई है। इस दिन लड़कियों को पीरियड्स से जुड़ी बातें बताई जाती हैं।

4. आंध्रप्रदेश

आंध्र प्रदेश स्टेट में जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स आता है तो वहां पर 'पेडमनिषी पंडगा' नाम का एक त्यौहार आयोजित किया जाता है। यह पीरियड्स के पहले दिन, पांचवे दिन और आखिरी दिन मनाया जाता है। पीरियड्स के समय लड़की को एक अलग रूम में रखते हैं। पीरियड्स के टाइम पर लड़की को कहीं भी जाने की अनुमति नहीं होती है। 'पेडमनिषी पंडगा' के समय लड़की के खाने और सोने की हर चीज अलग होती है। आखिरी दिन लड़की को चंदन का लेप किया जाता है और लड़की का चाचा उसे साड़ी और ज्वेलरी गिफ्ट में देते हैं।
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5. उड़ीसा

उड़ीसा में पीरियड के इस समारोह को राजा प्रभा कहा जाता है। यह तीन दिन तक मनाते हैं। जिन महिलाओं और लड़कियों को पीरियड्स होते हैं उन्हें रजस्वला कहा जाता है। उड़ीसा में  लोग ऐसा मानते हैं कि इन तीन दिनों में धरती मां को पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स के चौथे दिन लड़की को स्नान करवाया जाता है। इन दिनों में लड़कियां कोई भी काम नहीं करती हैं। वह नए कपड़े पहन कर उत्सव का आनंद लेती हैं।
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