The Devastating Impact of Female Genital Mutilation on Women's Lives: महिलाओं की स्वायत्ता (Autonomy) बहुत सारे तरीके से खत्म करने की कोशिश की जाती है, उनसे से उनका कंट्रोल छीन लिया जाता है और उन्हें अपने फैसले नहीं लेने दिए जाते हैं। इसके साथ ही उन्हें अपनी सेक्सुअलिटी को भी एंजॉय करने नहीं दिया जाता है। महिलाओं को उनके यौन फैसलों के ऊपर भी जज किया जाता है और उनके रिलेशनशिप पर सवाल उठाए जाते हैं। उनकी स्लट शेमिंग भी की जाती है। आज हम ऐसे मुद्दे के ऊपर बात करने वाले हैं जिसमें वल्वा ओनर के मानव अधिकारों का हनन किया जाता है। इसके साथ ही लिंग असमानता को बढावा मिलता है। आइये महिला जननांग विकृति (Female genital mutilation - FGM) के बारे में जानते हैं।
महिला जननांग विकृति क्या है और महिलाएं कैसे इससे प्रभावित होती हैं?
महिला जननांग विकृति क्या है?
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बिना किसी मेडिकल कारण के महिलाओं के जेनिटल को बदला या घायल किया जाता है। यह महिलाओं की सेहत के साथ खिलवाड़ है। इसके महिलाओं के ऊपर बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं और उन्हें बहुत ज्यादा दर्द से गुजरना पड़ता है। भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है जो इसके ऊपर प्रतिबंध लगाता है। आइये इसके प्रकार जानते हैं-
- Clitoridectomy: इसमें क्लिटोरिस को आधा या फिर पूरा ही काट कर अलग कर दिया जाता है।
- Excision: इसमें Clititors Glans और लेबिया माइनोरा को रिमूव किया जाता है।
- Infibulation: इसमें वजाइनल ओपनिंग को सँकरा कर दिया जाता है। इसमें सील को लेबिया माइनोरा या लेबिया मेजोरा को काटकर और फिर से लगाकर बनाई जाती है।
- Others: जेनिटल एरिया में चुभन, छेदन, चीरना, खुरचना और दागना।
फायदा नहीं बल्कि नुकसान
महिला जननांग विकृति के कोई फायदे नहीं मिलते हैं बल्कि नुकसान ही होते हैं। इसमें हम महिलाओं के स्वास्थ्य जेनिटल के साथ छेड़छाड़ करते हैं जिसके कारण उन्हें सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस वजह महिलाओं को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है
थोड़े समय के लिए प्रभाव
- उन्हें बहुत ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है
- इसके कारण बहुत ज्यादा ब्लीडिंग भी होती है
- सूजन
- इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है
- बुखार हो सकता है
- घाव का संक्रमण हो सकता है
- सदमा लग जाता है
लंबे समय के लिए प्रभाव
- पेशाब करते समय जलन हो सकती है
- मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं
- वजाइना से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं
- यौन समस्याएं हो सकती हैं
- प्रसव से जुड़ी समस्याओं का खतरा
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं की सेक्सुअलिटी को कंट्रोल करने की कोशिश होती है। यह महिलाओं को सेक्स एंजॉय करने से रोकता है। इसके साथ ही उनकी सेक्स करने की इच्छा भी कम होती है। यह एक सामाजिक परंपरा है जिसे महिलाओं के ऊपर थोपा जाता है। उनके अंदर यह डर भर दिया जाता है कि अगर वह ऐसी प्रक्रिया से नहीं गुजरेंगी तो समाज में उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसा समझा जाता है कि यह महिलाओं की शादी के लिए जरूरी है। यह सब कुछ जागरूकता की कमी के कारण होता है क्योंकि लोग इसके नुकसान समझ नहीं पाते हैं। उन्हें इसके गलत प्रभाव की जानकारी भी नहीं होती है। यह प्रथा इस बात का सबूत है कि कैसे महिलाएं आज भी मर्द प्रधान समाज का हिस्सा है जहां पर उन्हें हर चीज के लिए कंट्रोल किया जाता है।