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जानें टॉक्सिक वर्कप्लेस के क्या संकेत हैं?

आज के इस आर्टिकल में हम टॉक्सिक वर्कप्लेस के ऊपर बात करेंगे जो बहुत जरूरी है। 26 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर 'वर्क स्ट्रेस' के कारण मौत हो जाना कोई छोटी बात नहीं है।

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Rajveer Kaur
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Image Credit: Freepik

Signs Of Toxic Workplace: आज के समय में लोग रिश्तों और वर्कप्लेस में टॉक्सिक लोगों की पहचान करने लगे हैं जो मेंटल हेल्थ के लिए एक अच्छा कदम है लेकिन फिर भी बहुत सारे लोग इसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं या फिर उनके लिए टॉक्सिक माहौल नॉर्मल बन चुका होता है। आज के इस आर्टिकल में हम टॉक्सिक वर्कप्लेस के ऊपर बात करेंगे जो बहुत जरूरी है। 26 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर 'वर्क स्ट्रेस' के कारण मौत हो जाना कोई छोटी बात नहीं है। इसलिए आज हमें बात करनी पड़ेगी कि कैसे टॉक्सिक वर्कप्लेस युवाओं की जिंदगी के साथ खेल रहा है। आज हम जानेंगे कि कैसे आप टॉक्सिक वर्कप्लेस को पहचान सकते हैं-

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जानें टॉक्सिक वर्कप्लेस के क्या संकेत हैं?

गलतियों को न होने देना

सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि कोई भी इंसान ऐसा नहीं है जिससे गलती ना हो। हम में से कोई परफेक्ट नहीं  लेकिन कुछ वर्कप्लेस ऐसे होते हैं जहां पर गलती करने को बहुत बुरा माना जाता है जिस कारण वर्कर्स की मेंटल हेल्थ के ऊपर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। जब वर्क्स को ऐसे माहौल में काम करना पड़ता है जहां हर समय उनके दिमाग में इस बात का प्रेशर बना रहता है कि उनसे कोई गलती नहीं न हो जाए तो डर के कारण कुछ नया करने की नहीं सोचते हैं क्योंकि उन्हें गलती का डर होता है।

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काम का कोई तय समय नहीं

बहुत सारे ऐसे वर्कप्लेस होते हैं जहां पर वर्कर्स के आने और जाने का कोई समय नहीं होता है। वे सुबह समय पर आते हैं लेकिन उनसे तय समय से ज्यादा काम करने की अपेक्षा उनसे की जाती है। उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में कोई भी अंतर नहीं रह जाता है। अगर वे सिर्फ अपने तय समय तक ही काम करते हैं तो ऐसा समझा जाता है कि  वे काम के प्रति डेडीकेटेड नहीं हैं या फिर यह कामचोरी करते हैं। ऐसे प्रेशर के कारण वर्क लाइफ बैलेंस बिगड़ जाता है। हर समय काम में लगे रहने का कारण वे बर्नआउट का शिकार होते हैं। उन्हें मानसिक और शारीरिक बीमारियां होने लग जाती हैं।

टॉक्सिक लीडर्स

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ऐसे भी वर्कप्लेस होते हैं जहां पर लीडर्स बहुत ज्यादा टॉक्सिक होते हैं। उनका व्यवहार तानाशाह की तरह होता है। उन्हें दूसरों की प्रॉब्लम में कोई भी दिलचस्पी नहीं होती है। वे सिर्फ अपने काम तक आपसे मतलब रखते हैं और हमेशा ही आपके ऊपर प्रेशर डालते रहते हैं। ऐसे लोग कभी भी अपनी गलतियों को नहीं मानते हैं और हर चीज के लिए आपको ही दोष देते रहते हैं। उनके फैसलों में भी भेदभाव झलकता है और वे किसी से फीडबैक लेना पसंद नहीं करते हैं और ना ही खुद काम करना चाहते हैं। वे अपने हर काम को अपने वर्कर्स के ऊपर डालते रहते हैं।

नेगेटिव माहौल

ऐसे वर्कप्लेस का माहौल बहुत नेगेटिव होता है जहां पर हर लोग आपसे खुलकर बातचीत करने की बजाय आपकी पीठ के पीछे बात करते हैं। ऐसे माहौल में एक दूसरे को नीचा दिखाना, मजाक बनाना और बुल्लिंग करना आम है। आपको आपके काम की वजह से ग्रोथ नहीं मिलती लेकिन अगर आपके मैनेजर या फिर बॉस के साथ अच्छे संबंध बनाते हैं या फिर आप उनकी हर बात मानते हैं तो आपको प्रमोशन मिलता। कोई भी एक-दूसरे के साथ मिलकर काम नहीं करना चाहता है।

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