Things That Can Increase Your Period Pain: पीरियड के समय में महिलाओं में पेन का होना एक आम बात है। यह पीरियड के दौरान सभी महिलाओं को होता है। पीरियड का दर्द जिसे कष्टार्तव भी कहा जाता है। यह प्रत्येक महिला को अलग-अलग तीव्रता में अनुभव होता है। वैसे तो यह दर्द सभी महिलाओं को होता है। लेकिन कुछ महिलाओं को कम या कुछ महिलाओं को ज्यादा दर्द महसूस होता है। पीरियड के दौरान होने वाला यह दर्द महिलाओं के जीवन उनके कार्यशैली पर कई तरह के प्रभाव डालता है। कुछ महिलाओं को दर्द की वजह से अपने काम करने में समस्या होती है। तो कुछ का दर्द इतना भयंकर होता है कि वे अपने बेड से भी उठने में सक्षम नहीं होती हैं। लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो महिलाओं के पीरियड पेन को बढ़ा सकती हैं। आइये जानते हैं वो कौन सी चीजें हैं जो पीरियड के पेन को बढ़ा सकती हैं।
कौन सी चीजें पीरियड पेन को और भी बढ़ा सकती हैं
1. ज्यादा ब्लीडिंग होना
अगर आपको पीरियड के समय ज्यादा मात्रा में ब्लीडिंग होता है। तो आपका गर्भाशय ज्यादा ब्लड को बाहर निकालने के लिए अधिक तीव्रता से सिकुड़ता है। जिससे दर्द बढ़ सकता है।
2. जेनेटिक कारण
अगर आपकी माँ या बहन को पीरियड में ज्यादा दर्द का अनुभव होता है। तो जेनेटिक कारकों के कारण आपको भी इसका अनुभव होने की अधिक संभावना हो सकती है।
3. भरपूर नींद न लेना
अगर आपको डेली देर तक जागने की आदत है और आप अपनी नींद को पूरा नहीं कर पाती हैं। तो आपकी बॉडी को रेस्ट नहीं मिलता है जो कि पीरियड के समय में ज्यादा दर्द का कारण बन सकता है।
4. ज्यादा स्ट्रेस लेना
स्ट्रेस किसी भी प्रकार के दर्द को बढ़ा सकता है। जिसमें पीरियड का दर्द भी शामिल है। यह हार्मोनल संतुलन में बाधा पैदा कर सकता है। जिससे ऐसा हो सकता है कि आपको पीरियड के समय अधिक गंभीर ऐंठन या दर्द महसूस हो।
5. स्मोकिंग और खराब लाइफस्टाइल
स्मोकिंग और आपकी उल्टी-सीधी लाइफस्टाइल भी आपके पीरियड के लिए नुकसानदायक हो सकती है। स्मोकिंग को अक्सर पीरियड में होने वाले ज्यादा पेन के साथ जोड़ा जाता है।
6. फिजिकल एक्टिविटी की कमी
डेली फिजिकल ऐक्टिविटी करना आपके बॉडी के ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देने और स्ट्रेस को कम करके पीरियड के दर्द को कम करने में मदद करता है। लेकिन जब आप फिजिकली एक्टिव नहीं होती हैं तो यह आपके पीरियड पेन को बढ़ा देता है।
7. बॉडी का वजन कम होना
शरीर का वजन बहुत कम होना या खाने-पीने संबंधी समस्या होने से हार्मोनल संतुलन बाधित होता है और इससे पीरियड के समय में अधिक गंभीर दर्द हो सकता है।