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Productivity Paradox: जानिए आराम करना भी क्यों जरूरी है?

बहुत सारे लोग आराम करने को नेगेटिव समझते हैं। उन्हें लगता है कि अगर हम आराम कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि हम कुछ काम नहीं कर रहे हैं या फिर हम बहुत ज्यादा आलसी हो चुके हैं लेकिन ऐसा नहीं है।

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Rajveer Kaur
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Rest

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Why Rest is the Key to Getting More Done: बहुत सारे लोग आराम करने को नेगेटिव समझते हैं। उन्हें लगता है कि अगर हम आराम कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि हम कुछ काम नहीं कर रहे हैं या फिर हम बहुत ज्यादा आलसी हो चुके हैं लेकिन ऐसा नहीं है। अगर हम काम और आराम के बीच में बैलेंस बनाकर रखते हैं तो हमारी प्रोडक्टिविटी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। आराम को लेकर हमें हमारा नजरिया बदलना बहुत जरूरी है। हमारी बॉडी को नियमित समय तक आराम की जरूरत होती है और हमें वो जरूर करना चाहिए लेकिन अगर आप हर समय ही आराम के बारे में ही सोचते हैं तो यह चीज गलत है। चलिए आज हम जानते हैं कि कैसे आराम करना भी एक प्रोडक्टिव काम है?

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जानिए आराम करना भी क्यों जरूरी है?

नजरिया बदलने की जरूरत

आजकल के हसल कलचर में आराम करना हराम हो गया है। इसका मतलब है कि लोग आराम करने को या फिर बॉडी को रिलैक्स करने को नेगेटिव तरीके से देखते हैं जिसके कारण इस बात को बहुत अच्छा मानते कि हम 24 घंटे में 20 घंटे काम कर रहे हैं और सिर्फ 4 घंटे नींद ले रहे हैं। अगर हम दिन में 7 से 8 घंटे भी क्वालिटी काम कर रहे हैं और 7 से 8 घंटे की नींद भी ले रहे हैं तो उसमें कुछ भी खराबी नहीं है।

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बॉडी रिचार्ज होती है

आराम से आपकी बॉडी रिचार्ज होती है। इससे थकावट कम होती है और हम खुद में एनर्जी स्टोर करते हैं। हमारा मन भी नए चैलेंज के लिए तैयार हो जाता है। इससे हमारा कंसंट्रेशन भी बढ़ता है और आप अपने काम पर ज्यादा फोकस कर पाते हैं। जब आप थकावट में होते हैं तो हमारा ध्यान आसपास की चीजों में जरूर जाता है। इसलिए हमें 7 से 8 घंटे आराम को जरूर देने चाहिए और काम के बीच-बीच में भी छोटी-छोटी ब्रेक जरूर लेनी चाहिए।

क्रिएटिविटी पैदा होती है

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आजकल के समय में लोग बोर होना भूल गए हैं लेकिन जब हम कुछ नहीं करते हैं तब बोर होते हैं और उस समय हमारी क्रिएटिविटी सबसे ज्यादा होती है। हमें इस बात को जल्दी से जल्दी समझने की जरूरत है। आज के समय में  हम हर समय बिजी रहते हैं। अगर हम काम नहीं कर रहे होते तो हम फोन चला रहे होते हैं। अगर हम फोन नहीं चला रहे होते हैं तो हम काम कर रहे होते हैं तो ऐसे ही हमारा पूरा दिन निकल जाता है लेकिन जब हम कुछ भी नहीं कर रहे होते हैं तो हमारी क्रिएटिविटी अपने सबसे उच्च स्तर पर होती है। 

बर्नआउट से बचते हैं

आज के समय में बर्नआउट बहुत ज्यादा बढ़ चुका है।हमारा काम करने का मन नहीं करता है। हम हर समय आलस्य महसूस करते रहते हैं। हमें लगता है कि हममें कुछ कमी है या फिर हम ज्यादा काम नहीं कर रहे हैं। एक ही समय पर हम बहुत ज्यादा काम कर लेते हैं जिस कारण हम बर्नआउट हो जाते हैं और हमारी प्रोडक्टिविटी एकदम कम हो जाती है। जब हम काम के साथ-साथ ब्रेक भी लेते रहते हैं और आराम भी अच्छे तरीके से करते हैं तो बर्नआउट कम हो जाता है और हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है। इसलिए हमें एक लिमिटेड समय तक एक दिन में काम करना चाहिए।

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