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Photograph: (Freepik)
हम सभी जानते हैं कि उम्र के साथ हमारे शरीर की ज़रूरतें बदलती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाओं के लिए प्रोटीन की ज़रूरतें पुरुषों से अलग क्यों होती हैं? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ते हुए रशीदा की कहानी आपके लिए एक आंख खोलने वाला अनुभव हो सकती है।
महिलाओं के लिए अलग प्रोटीन क्यों ज़रूरी है? जानिए 40 की उम्र में आई एक महिला की ज़िंदगी से जुड़ा अनुभव
जब बाल झड़ने लगे तो शुरू हुआ असली सफर
रशीदा, जो अब अपने 40s में हैं, हमेशा से हेल्थ-कॉन्शस रही हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्होंने नोटिस किया कि उनके बाल पतले हो रहे हैं, थकान बनी रहती है, और स्किन में भी जान नहीं है। एक दिन Instagram पर स्क्रॉल करते हुए उन्होंने देखा कि एक women-specific protein powder का ऐड आया। सवाल उठा "क्या महिलाओं को अलग प्रोटीन चाहिए?"
जवाब मिला बातचीत से: डॉक्टर्स और न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह ने बदली सोच
जब रशीदा ने इस पर अपने डॉक्टर दोस्तों और डाइटिशियंस से बात की, तो जवाब साफ था हां, महिलाओं को प्रोटीन की अलग ज़रूरत होती है। शरीर के हार्मोनल बदलाव, पीरियड्स से लेकर मेनोपॉज तक, हर एक चीज़ पर इसका असर पड़ता है।
महिलाओं को प्रोटीन की ज़रूरत क्यों है?
1. हार्मोनल बैलेंस में मदद करता है प्रोटीन
महिलाओं के शरीर में हर महीने हार्मोनल उतार-चढ़ाव होता है। यही वजह है कि protein for hormonal support ज़रूरी हो जाता है। यह ना सिर्फ हार्मोन बनाने में मदद करता है, बल्कि उन्हें संतुलित रखने में भी मदद करता है।
2. हड्डियों की ताकत बनाए रखने में सपोर्ट
40 की उम्र के बाद हड्डियों की मज़बूती कम होने लगती है, खासकर मेनोपॉज के बाद। रशीदा ने जब से plant-based protein powder लेना शुरू किया जिसमें कैल्शियम और विटामिन D जैसे सप्लीमेंट्स भी हैं, उन्हें खुद को बेहतर महसूस होने लगा।
3. मसल्स मेंटेनेंस और वेट मैनेजमेंट
सही प्रोटीन महिलाओं को फिट रखने में मदद करता है बिना "बुलकी" बने। Women-specific protein powders में उन अमीनो एसिड्स की मात्रा अधिक होती है जो महिलाओं के शरीर के लिए ज़रूरी होते हैं।
4. डाइजेशन को करता है आसान
रशीदा ने बताया कि उन्होंने जब से महिलाओं के लिए बना हुआ digestive-friendly protein powder लेना शुरू किया, उन्हें bloating, गैस और भारीपन जैसी समस्याओं से राहत मिली।
प्रोटीन की कमी ने कैसे प्रभावित किया रशीदा का स्वास्थ्य?
रशीदा का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि 90% भारतीय महिलाओं में प्रोटीन की कमी होती है, तो उन्हें समझ आया कि उनकी बालों की गिरावट, थकावट और कमजोर इम्यूनिटी की जड़ यही है। यही कारण है कि उन्होंने एक ऐसा प्रोटीन चुनना शुरू किया जो खासतौर पर महिलाओं की ज़रूरतों के लिए तैयार किया गया है।
अगर आप भी रशीदा की तरह vegetarian हैं, तो उनके जैसे gytree का plant-based protein का चुनाव कर सकती हैं जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ न्यूट्रिशन से भरपूर हो।
क्या पुरुषों और महिलाओं के प्रोटीन की ज़रूरतें वाकई अलग हैं?
हां, और यही है वजह:
- महिलाओं को ज़रूरत होती है हार्मोन बैलेंसिंग न्यूट्रिएंट्स की
- हड्डियों और स्किन के लिए एक्स्ट्रा सपोर्ट
- पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज को देखते हुए अलग पोषण प्रोफाइल
- महिलाओं का डाइजेस्टिव सिस्टम अधिक सेंसिटिव होता है
रशीदा का सुझाव: "जो आपके शरीर के लिए बना है, वही चुनें"
रशीदा का कहना है, "Don't buy whatever, buy what’s crafted for your body." यानी, ऐसा प्रोटीन चुनें जो आपकी बॉडी, आपकी लाइफस्टेज और आपकी हेल्थ को ध्यान में रखकर बना हो।
हर महिला की हेल्थ जर्नी अलग होती है, और उसे उसी के मुताबिक सपोर्ट की ज़रूरत होती है। चाहे बात स्किन की हो, मसल्स की हो, या मेंटल वेलनेस की सही प्रोटीन आपके साथ एक भरोसेमंद साथी बन सकता है।
इस लेख में शेयर की गई राय रशीदा की निजी अनुभवों पर आधारित है। यह जानकारी SheThePeople के माध्यम से जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से साझा की गई है।