Menopause Truth: क्या यह सिर्फ एक उम्र का पड़ाव है?

मेनोपॉज सिर्फ बढ़ती उम्र का एक पड़ाव नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक बदलावों से भरा एक महत्वपूर्ण चरण है। जानिए इससे जुड़ी सच्चाई, मिथक और इससे निपटने के तरीके।

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Sakshi Rai
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Photograph: (temple-legal)

Menopause Truth Is It Just a Phase of Aging -मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो हर महिला के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाती है। यह सिर्फ एक उम्र का पड़ाव नहीं, बल्कि शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से एक नए दौर की शुरुआत होती है। आमतौर पर यह 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच आता है, लेकिन हर महिला के लिए इसका अनुभव अलग हो सकता है।

Menopause Truth: क्या यह सिर्फ एक उम्र का पड़ाव है?

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नए सफर की शुरुआत मेनोपॉज कोई अंत नहीं, बल्कि जीवन के एक नए चरण की शुरुआत है। यह वह समय है जब महिलाएं खुद को समझें, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और इस बदलाव को सहज रूप से अपनाएं।

मेनोपॉज के लक्षण और प्रभाव

मेनोपॉज के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव लाते हैं। इस चरण में कई लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे:

1.मूड स्विंग्स: अचानक गुस्सा आना, उदासी या चिड़चिड़ापन बढ़ जाना आम होता है। यह हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।

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2.हॉट फ्लैशेज: शरीर में अचानक गर्मी महसूस होना, तेज पसीना आना और रात में अधिक पसीना आना, जो अनिद्रा का कारण बन सकता है।

3.नींद की समस्या: कई महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान नींद न आने या बार-बार नींद टूटने की समस्या होती है, जिससे थकान और तनाव बढ़ सकता है।

4.हड्डियों की कमजोरी: एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के पतले और कमजोर होने की स्थिति) का खतरा बढ़ जाता है।

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5.वजन बढ़ना: मेनोपॉज के दौरान मेटाबॉलिज्म (चयापचय दर) धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है।

यह बदलाव स्वाभाविक हैं, लेकिन सही देखभाल, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इनका प्रभाव कम किया जा सकता है।

क्या मेनोपॉज सिर्फ एक उम्र का पड़ाव है?

समाज में अक्सर इसे सिर्फ एक उम्र का बदलाव माना जाता है, लेकिन यह उससे कहीं ज्यादा है। यह एक महिला के शरीर में बड़े बदलाव का समय होता है, जहां न सिर्फ हार्मोनल बल्कि भावनात्मक और मानसिक परिवर्तन भी होते हैं।

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संबंधों पर असर: इस दौर में महिलाएं खुद को अकेला महसूस कर सकती हैं। कई बार परिवार भी इसे सामान्य मानकर इस पर ध्यान नहीं देता।

स्वास्थ्य पर असर:मेनोपॉज के कारण हृदय रोग, डायबिटीज और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।

समाज की सोच: कई जगहों पर इसे उम्र बढ़ने का संकेत माना जाता है, जिससे महिलाएं खुद को कमज़ोर या असहाय महसूस करने लगती हैं।

कैसे करें खुद को मेनोपॉज के लिए तैयार?

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मेनोपॉज के दौरान स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है, जिसमें हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और कैल्शियम युक्त भोजन शामिल हो। शरीर को सक्रिय रखने के लिए योग, वॉक या हल्की एक्सरसाइज करें, जिससे फिटनेस बनी रहे। मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, इसलिए मेडिटेशन करें और परिवार के साथ समय बिताकर खुद को खुश और तनावमुक्त रखें। किसी भी स्वास्थ्य समस्या को नज़रअंदाज न करें और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं।

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