Mood Swings: जानिए 40 से ज़्यादा उम्र की महिलाओं की मूड स्विंग्स से जुड़ी परेशानी और उपाय

40 की उम्र के बाद कई महिलाओं को मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है, खासकर Perimenopause और Menopause के दौरान। एक पल शांति महसूस होती है, तो अगले ही पल चिंता, चिड़चिड़ापन या उदासी छा जाती है।

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Gytree Meno Club
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Photograph: (Freepik)

What Every Woman Needs To Know About Menopause? 40 की उम्र के बाद कई महिलाओं को मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है, खासकर Perimenopause और Menopause के दौरान। एक पल शांति महसूस होती है, तो अगले ही पल चिंता, चिड़चिड़ापन या उदासी छा जाती है। Gytree Survey के मुताबिक, 76% महिलाओं को इस दौरान मूड में उतार-चढ़ाव होता है। ये बदलाव थकान, भूलने की समस्या और हार्मोन असंतुलन के कारण रिश्तों, काम और आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकते हैं।

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जानिए 40 से ज़्यादा उम्र की महिलाओं की मूड स्विंग्स से जुड़ी परेशानी और उपाय

मूड स्विंग्स का मुख्य कारण एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स का कम होना है। इससे दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे मूड को स्थिर करने वाले तत्व कम प्रभावी हो जाते हैं। इस वजह से चिड़चिड़ापन, तनाव या भावनात्मक थकान अचानक बढ़ जाती है। Gytree Survey कहता है कि 50% महिलाओं को भूलने की समस्या और मानसिक धुंधलापन भी होता है, जो तनाव को और बढ़ाता है। 

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40 के बाद मूड स्विंग्स को मैनेज करने के तरीके

मूड स्विंग (Mood Swings) कभी भी आ सकते हैं लेकिन अच्छी खबर यह है कि लाइफस्टाइल में कुछ आसान बदलाव करने के बाद इनके ऊपर काबू पाया जा सकता है।

  • एडाप्टोजेन्स और प्रोटीन: हाई क्वालिटी Plant Based Proteins में पाए जाने वाले अश्वगंधा और शतावरी जैसे कुछ एडाप्टोजेन्स, तनाव को काम करते हैं। प्रोटीन एनर्जी को स्थिर रखने में मदद करता है। Gytree प्रोटीन पाउडर ऊर्जा देता है और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है, क्योंकि इसमें खास जड़ी-बूटियाँ मिली हैं।
  • रोज सैर करें: शरीर को हिलाना मूड को अच्छा करने का सबसे आसान तरीका है। 30 मिनट की सैर या हल्की एक्सरसाइज तनाव कम करती है और खुशी बढ़ाती है।
  • ध्यानपूर्वक पोषण: मैग्नीशियम से भरपूर खाना (जैसे नट्स और हरी पत्तेदार सब्जियाँ), ओमेगा-3 (बीज और मछली से), और बी विटामिन दिमाग के काम को बेहतर करते हैं और भावनात्मक स्थिरता बढ़ाते हैं।
  • अच्छी नींद: रात को स्क्रीन टाइम कम करें और नियमित सोने की आदत बनाएं। सर्वे में पाया गया कि 60% महिलाओं को नींद की समस्या थी, जो मूड खराब करती है।
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सही सपोर्ट और अवेयरनेस की जरूरत क्यों है?

गायट्री सर्वे के अनुसार, 71% महिलाएँ Menopause के दौरान पूरी तरह समर्थित महसूस नहीं करतीं। उन्हें बदलती भावनाओं और शरीर के लिए जज किया जाता है। इससे पता चलता है कि मेनोपॉज और इसके भावनात्मक प्रभावों के बारे में बेहतर बातचीत, डॉक्टरी सलाह और वर्कप्लेस अवेयरनेस की सख्त जरूरत है।

Midlife में खुद को सशक्त करें

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मूड स्विंग्स को सही खानपान, एक्सरसाइज और देखभाल से कंट्रोल किया जा सकता है। ये छोटे बदलाव आपको Midlife में खुशी, संतुलन और आत्मविश्वास दे सकते हैं!
 

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