A Guide for New Mothers to Discover Their Identity: माँ बनना दुनिया का सहजता से भरपूर एहसास हो सकता है लेकिन यह बहुत सारे उतार-चढ़ावों के साथ आता है। इसके कारण बहुत सारी महिलाओं को लगता है कि उन्होंने अपनी आइडेंटिटी खो दी है। उनमें पहले वाली एनर्जी नहीं रही है या फिर वह आगे कुछ नहीं कर सकती। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। इस बात में कोई शक नहीं है कि आपकी जिंदगी पहले जैसी नहीं रहेगी। आपको अपनी लाइफ में बदलाव लाने ही पड़ेंगे। आपको अपने बच्चे और खुद की लाइफ के बीच में एक बैलेंस बनाना पड़ेगा। इसके कारण आपको अपनी इंडिविजुअलटी को कायम रखना भी कठिन लग सकता है लेकिन यह नामुमकिन नहीं है।
बच्चे के जन्म के बाद खुद को कैसे खोजें
बदलाव को स्वीकार करें
सबसे पहले बदलाव को स्वीकार करें। बहुत सारी महिलाओं को इस बात में परेशानी होती है। उनके लिए बदलाव को स्वीकार करना बहुत कठिन हो जाता है या फिर वे इसके लिए तैयार नहीं होती है। अगर आप मां बनने की इच्छा रखती हैं तब आपको इस बात को दिमाग में जरूर रखना होगा कि आपकी लाइफ में बहुत सारी बदलाव आएंगे। पहले जैसी लाइफ तो बिल्कुल नहीं रहेगी क्योंकि बच्चा आपकी जिंदगी का हिस्सा बनेगा तो ऐसे में बदलाव के लिए आपको तैयार रहना पड़ेगा। जब तक आप इन्हें स्वीकार नहीं करेंगे तब तक आप जिंदगी में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
खुद की पहचान को बरकरार रखें
मदर बनने के बाद महिलाओं को खुद के बारे में सोचने में गिल्ट महसूस होने लगता है कि वे सेल्फिश हैं या फिर अब उनकी प्रायोरिटी बच्चा ही होना चाहिए। बच्चा आपकी प्रायरिटी लिस्ट में सबसे ऊपर हो सकता है लेकिन इसके साथ-साथ खुद का ध्यान रखना, अपनी जरूरत को पूरा करना या फिर खुद के लिए समय निकालना आपको सेल्फिश नहीं बना देता है। यह आपकी जरूरत है। इसके बिना आप खुद को कहीं खो देंगे। आपको बाद में एहसास होगा कि आप खुद की पहचान को बरकरार रख सकते थे लेकिन आपने उस समय दूसरों को सुनकर सिर्फ बच्चों के बारे में सोचा।
खुद की तुलना दूसरों से मत करें
मां बनने के बाद FOMO बहुत होने लग जाता है और महिला को लगने लग जाता है कि वह अपनी जिंदगी में बहुत कुछ मिस कर रही है। सबसे पहले आपको समझना होगा कि माँ बनना आपकी चॉइस है या फिर दूसरों के प्रेशर में आकर ही फैसला लिया है। दूसरा आपको अपनी जिंदगी में अच्छाइयां ढूंढनी पड़ेगी। आपकी जिंदगी में खुशियों की डेफिनेशन, दूसरों से अलग हो सकती है। इसलिए कभी भी खुद की तुलना दूसरों से मत करें। हमेशा उन चीजों को ढूंढे जिनसे आपको खुशी मिलती है।
भावनाओं को समझने की समझें
अपनी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। इसके लिए आप जर्नलिंग कर सकते हैं या फिर अपनी भावनाओं को किसी के साथ शेयर कर सकते हैं। ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप क्या महसूस कर रहे हैं। आपको अपनी भावनाओं को वैलिडेट करना भी शुरू होगा। आपको अपनी भावनाओं से भागना नहीं है बल्कि उनके साथ बैठना शुरू करना है। इससे आपको अपने बारे में बहुत कुछ पता चलेगा क्योंकि ऐसे समय में पोस्टपार्टम डिप्रैशन या फिर बेबी ब्लूज के कारण आपकी भावनाओं में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।