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Motherhood Struggles: महिलाओं को 30 के बाद बच्चा क्यों नहीं करना चाहिए

30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को बच्चा न करने की सलाह देने के पीछे कई स्वास्थ्य संबंधी कारण होते हैं। उम्र बढ़ने के साथ प्रजनन क्षमता में कमी आती है, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। जन्म दोषों और गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।

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Trishala Singh
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Motherhood Struggles after 30

(Credits: Pinterest)

Why Women Should Avoid Pregnancy After 30: महिलाओं के जीवन में 30 साल की उम्र एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है। यह उम्र उनके स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होती है। हालांकि यह सुझाव हर महिला के लिए सटीक नहीं हो सकता, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों और अनुसंधानों के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण कारण बताए जा सकते हैं कि क्यों महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद बच्चा नहीं करना चाहिए। आइए इन कारणों को विस्तार से समझते हैं।

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Motherhood Struggles: महिलाओं को 30 के बाद बच्चा क्यों नहीं करना चाहिए

1. डिक्रीज्ड फर्टिलिटी

महिलाओं की रिप्रोड्यूस करने की क्षमता उम्र के साथ कम होती जाती है। 30 साल की उम्र के बाद यह कमी तेजी से बढ़ने लगती है। 35 साल के बाद एग सेल्स की संख्या और क्वालिटी में गिरावट आने लगती है, जिससे प्रेग्नेंसी की संभावनाएँ कम हो जाती हैं। इसके अलावा, एग सेल्स की क्वालिटी में गिरावट के कारण मिसकैरिज का खतरा भी बढ़ जाता है।

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2. प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य जोखिम

30 साल की उम्र के बाद प्रेगनेंट होने वाली महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनमें उच्च रक्तचाप, गर्भकालीन मधुमेह और प्रीक्लेम्पसिया जैसी स्थितियाँ शामिल हैं। ये समस्याएँ न केवल माँ के लिए बल्कि बच्चे के लिए भी खतरनाक हो सकती हैं।

3. जन्म दोष का बढ़ता खतरा

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उम्र के साथ एग सेल्स की क्वालिटी में गिरावट आने से जन्म दोषों का खतरा भी बढ़ जाता है। 35 साल की उम्र के बाद डाउन सिंड्रोम जैसी जेनेटिक डिसोर्डर्स का जोखिम काफी बढ़ जाता है। ऐसे में, उम्रदराज माताओं के लिए स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग की आवश्यकता बढ़ जाती है।

4. डिलीवरी के दौरान कॉम्प्लिकेशंस

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के शरीर में शारीरिक बदलाव होते हैं, जो डिलीवरी के दौरान कॉम्प्लिकेशंस को बढ़ा सकते हैं। 30 साल की उम्र के बाद सीजेरियन सेक्शन (सी-सेक्शन) की आवश्यकता अधिक होती है। इसके अलावा, डिलीवरी के दौरान अधिक रक्तस्राव और अन्य कॉम्प्लिकेशंस भी हो सकती हैं।

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5. मानसिक और भावनात्मक तैयारियाँ

प्रेग्नेंसी और बच्चे की परवरिश मानसिक और भावनात्मक रूप से थकाने वाला काम होता है। 30 साल की उम्र के बाद महिलाएँ अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में व्यस्त होती हैं, जिससे उनके लिए मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखना कठिन हो सकता है। बच्चे की देखभाल के लिए आवश्यक ऊर्जा और समर्पण की कमी भी महसूस हो सकती है।

6. आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता

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बच्चे की परवरिश के लिए आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण होती है। 30 साल की उम्र के बाद महिलाएँ अपने करियर में स्थापित हो चुकी होती हैं और आर्थिक रूप से अधिक स्थिर होती हैं। इस स्थिति में, बच्चे की परवरिश के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना आसान होता है।

हालांकि, इन सभी कारणों के बावजूद यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर महिला का शरीर और जीवन परिस्थिति अलग होती है। 30 साल की उम्र के बाद गर्भधारण करने का निर्णय व्यक्तिगत होता है और इसे किसी भी सामान्य नियम से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। महिलाएँ अपने स्वास्थ्य, व्यक्तिगत परिस्थितियों और डॉक्टर की सलाह के आधार पर सबसे अच्छा निर्णय ले सकती हैं। समाज में बढ़ते जीवनस्तर और चिकित्सा सुविधाओं के चलते महिलाएँ 30 साल की उम्र के बाद भी स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से गर्भधारण कर सकती हैं। इसके लिए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, स्वस्थ जीवनशैली और चिकित्सकीय देखरेख आवश्यक होती है। महिलाएँ अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण फैसले को सोच-समझकर और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए करें।

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