Why Society Struggles with Self-Assured Women? आज के समय में कॉन्फिडेंट महिलाओं की तादाद बढ़ती जा रही है लेकिन समाज को उनके साथ तालमेल बिठाना नहीं आ रहा है। इसके कारण ऐसी महिलाएं समाज में बर्दाश्त नहीं की जा रही है। उनका रहन-सहन, बोल्ड होना, खुलकर अपनी बात को रखना, गलत चीज को गलत कहना, अपने हकों के लिए अवेयर होना किसी को पसंद नहीं आता है। ऐसे में जब महिलाएं कंप्रोमाइज ना करते हुए खुद की वेलबींइग के ऊपर ध्यान देती हैं तो लोगों उन्हें कहते हैं कि आजकल की महिलाएं तो सिर्फ अपने बारे में सोचती हैं और सेल्फिश हैं। इस तरीके से उन्हें बदनाम किया जाता है। आइये जानते हैं कि क्यों समाज सेल्फिश महिलाओं को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है।
क्यों समाज Confident महिलाओं को बर्दाश्त नहीं करता?
अगर हम कुछ समय पीछे जाएं तो हम लोगों ने महिलाओं को हमेशा ही डोमिनेट किया है। हमने कभी महिला को पैर की जूती के समान समझा तो कभी हमें यह लगा कि एक महिला बिजनेस नहीं चला सकती, अच्छी ड्राइवर नहीं हो सकती, इंटेलिजेंट नहीं हो सकती, इंजीनियर नहीं बन सकती। हमने कभी महिलाओं के कॉन्फिडेंस को बिल्ड ही नहीं होने दिया, हमेशा ही उनको कमियों के बारे में बताया और छोटी-छोटी चीजों पर रोक-टोक की, जिससे कारण महिलाएं कभी खुद को एक्सप्लोर ही नहीं कर पाईं कि उन्हें लाइफ में क्या चाहिए।
आज के समय में महिलाएं खुद को एक्सप्लोर कर रही हैं जिसके कारण उन्हें अपनी ताकत का अंदाजा हो गया है। इस कारण वे कॉन्फिडेंट हो गई हैं। इसमें बहुत बड़ा हाथ सोशल मीडिया का भी है। ऐसे में लोगों को ऐसी महिलाएं पसंद नहीं आ रही हैं क्योंकि अब महिलाओं ने जिंदगी जीने के लिए पुरुषों का सहारा लेना छोड़ दिया है। उन्होंने कमाना शुरू कर दिया है। वह सेल्फ-सफिशिएंट हो चुकी हैं। उन्हें अपनी जरूरत के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। इस कारण पुरुष उन्हें डोमिनेट नहीं कर पा रहे हैं।
इसके साथ ही उन्हें ऐसी महिलाओं के साथ रहने और एडजस्टमेंट करने में भी तकलीफ हो रही है क्योंकि पुरुषों को कभी सिखाया ही नहीं गया है कि कैसे एक कॉन्फिडेंट महिला के साथ रहना है। उन्हें हमेशा ही महिलाओं को दबाना सिखाया है। ऐसे में जब महिलाएं बराबरी की मांग करती हैं तब पुरुष समझ नहीं आता कि उन्हें कैसे रिएक्ट करना चाहिए।
आज के समय में हमें महिलाओं को सिखाने की जरूरत नहीं बल्कि पुरुषों को यह समझाने की जरूरत है कि कैसे उन्हें एक कॉन्फिडेंट महिला के साथ रहना है। पुरुषों को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। अगर वे ऐसा नहीं करते तो महिलाएं भी उनके साथ एडजस्ट नहीं होंगी। हर बार कंप्रोमाइज महिलाएं नहीं करेंगी या फिर उनसे ही चेंज अपेक्षा की नहीं की जा सकती।