Why Success Is Byluck For Women And Hardwork For Men: महिलाओं के साथ होने वाला भेदभाव आज भी कम नहीं हुआ है। पुरुषों की काबिलियत को महिलाओं से ज्यादा मानना आम बात हो गई है। ऐसे में जब कोई महिला किसी मुकाम पर मेहनत करके पहुंचती है तो आखिर में उसे यही सुनने को मिलता है कि तुम्हारी किस्मत बहुत अच्छी थी। इस एक वाक्य के पीछे महिलाओं की सारी मेहनत छुप जाती है और सामने सिर्फ सौभाग्य रह जाता है। वहीं पर पुरुषों के छोटे से छोटे एफर्ट्स को भी स्वीकार किया जाता है और उन्हें सराहना मिलती है।
एक महिला और पुरुष की मेहनत में बहुत अंतर होता है पुरुषों के पास सपोर्ट भी होता है और उन्हें पितृसत्ता सोच के साथ भी लड़ना नहीं पड़ता। उनके लिए समाज भी बाधा नहीं बनता लेकिन एक महिला के लिए सबसे पहले अपने घर से ही निकलना मुश्किल होता है। चलिए आज इस विषय पर बात करते हैं-
महिलाओं की सफलता को सौभाग्य, पुरुषों की सफलता को मेहनत क्यों माना जाता है?
महिलाएं अपनी जिंदगी में पुरुषों से हर चीज के लिए दोगुनी मेहनत करती हैं। उन्हें कदम-कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उनके लिए कुछ भी आसान नहीं होता है। सबसे पहले तो परिवार का साथ ही बहुत मुश्किल से मिलता है। परिवार वाले यह चाहते ही नहीं कि लड़कियां घर से बाहर निकल कर जिंदगी में कुछ करें या फिर अपने सपनों को पूरा करें। समाज में महिलाओं की जिंदगी को बहुत आसान माना जाता है। ऐसा समझा जाता है कि अगर इस महिला ने करियर में कोई तरक्की ना की तो उसकी शादी हो जाएगी। इसके सारा खर्चा तो इसका पति ही उठाएगा।
ऐसी सोच के कारण हम महिला की मेहनत को बिल्कुल ही नकार देते हैं। एक महिला को घर के काम के लिए कोई पगार नहीं मिलती है। सुबह सबसे पहले उठना और रात के समय सबसे बाद में सोना उनके लिए आम है। इस बीच हर किसी की पसंद का ध्यान रखना, अपनी जरूरत को खत्म कर देना, अपने ससुराल या फिर परिवार के हिसाब से अपनी जिंदगी को व्यतीत करना किसी भी तरीके से आसान नहीं है। हर समय पैसे के लिए पति के ऊपर निर्भर रहना और कई बार अगर पति पैसे ना दे तो अपनी जरूरत को मार लेना बिल्कुल भी आसान नहीं है।
महिला की जिंदगी बिल्कुल भी आसान नहीं है। अगर आप उन्हें अप्रिशिएट नहीं कर सकते हैं तो आप उनके बारे में बुरा भी मत बोलिए। अगर आपको लगता है कि महिला को सब कुछ आसानी से मिल जाता है या फिर उनकी किस्मत अच्छी होती है तो आप गलत सोच रहे हैं। एक महिला सबसे पहले अपने परिवार से लड़ाई करती है। जब परिवार साथ देता है तो समाज बाधा बनकर सामने खड़ा हो जाता है। इसकेबाद वर्कप्लेस पर उनके साथ बहुत सारे लेवल्स पर भेदभाव होता है। हमेशा हर चीज में कंप्रोमाइज करने के लिए महिलाओं को ही कहा जाता है उनके प्रति समाज का नजरिया बहुत ही नीचे होता है। ऐसा समझा जाता है कि महिलाओं के पास दिमाग कम होता है। इन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती। यह पैसा नहीं संभाल सकती।
कभी भी महिलाओं की जिंदगी को आसान मत समझें बल्कि उन्हें सपोर्ट करें। उन्हें सिर्फ बच्चा पैदा करने वाली या फिर घर की संभालने वाली के रूप में मत समझें। उनकी पहचान इससे कहीं अधिक है। इस दुनिया में किसी को कुछ भी बिना मेहनत के नहीं मिलता है। अगर आप को लगता है कि महिलाओं को कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती है तो आप अपनी मां की तरफ देख सकते हैं। आपको समझ आ जाएगा कि एक औरत के जीवन में कितना संघर्ष है। इतना सब कुछ होने के बाद भी अगर आप महिलाओं की सफलता को सौभाग्य समझते हैं तो हद्द है यार!