Why Women Only Have To Do Household Chores: घर के काम करने का जब समय आता है तब महिलाओं से ही अपेक्षा की जाती है। ऐसा क्यों है? क्यों घर के काम सिर्फ महिलाओं को करने पड़ते हैं? आज के समय में जब महिला बाहर जाकर काम रही है लेकिन घर आकर उन्हें ही काम करने पड़ते, पुरष को क्यों नहीं? यह सिर्फ प्रोफेशनल महिलाओं के हालात नहीं है। अगर आप बहुत ही निचले स्तर पर देखें तो जो महिलाएं खेत में काम करती हैं या फिर मजदूरी करती हैं, घर आकर खाना उन्हें ही बनाना पड़ता है फिर चाहे पूरा दिन मर्दों के साथ कंधा मिलाकर काम करती हैं लेकिन उनके बारे में तो कोई बात ही नहीं करता है। जब वर्क लाइफ बैलेंस की बात आती है तो महिलाओं को ही कहा जाता है कि तुम्हें घर और ऑफिस दोनों मैनेज करना आना चाहिए।
Patriarchy: क्यों ऑफिस के साथ-साथ महिलाएं अकेले घर का काम करें?
एक महिला घर का काम करती है फिर ऑफिस जाती है। इसके बाद ऑफिस से घर आकर काम करती है तब जाकर उसे सोने के लिए मिलता है। वहीं एक आदमी सुबह उठकर अपने लिए तैयार होता है और ऑफिस निकल जाता है। घर आकर अपनी पत्नी को कहता है कि मुझे अभी बेड पर ही सब कुछ चाहे क्योंकि मैं पूरी तरह थक चुका हूं और अब मुझे सोना है। ऐसे में महिलाओं का कोई नहीं सोचता। हम उनकी केयर नहीं करते हैं। हमारे आसपास की महिलाएं बर्नआउट रहती हैं लेकिन उन्हें इस बात के बारे में पता ही नहीं है। हमने कभी महिलाओं की फिजिकल और मेंटल के ऊपर ध्यान ही नहीं दिया है। हमें बस उनके काम से मतलब है। उसके बाद हम महिला को नहीं पूछते कि उनकी जिंदगी में क्या चल रहा है? उन्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं है?
यह बहुत ही ऐसा समय है जब महिलाओं को मना करना सीखना होगा उन्हें अपनी शारीरिक और मानसिक योग्यता से ज्यादा काम करने की जरूरत नहीं है। आप जितना कर सकते हैं, उतना ही कीजिए। आपके आसपास के लोग नाराज हो सकते हैं लेकिन यह आपके लिए लिया गया एक कदम है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अब आपको पुरुषों को भी यह बताना होगा कि घर के काम वह खुद कर सकते हैं। यह अकेले आपकी ज़िम्मेदारी नहीं है। आपको उन्हें एक-एक काम करने के देने की जरूरत नहीं है। आप उन्हें खुद पर निर्भर मत बनाएं। आपको होने लिए स्टैंड लेना होगा।घर का काम परिवार की ज़िम्मेदारी है न कि सिर्फ महिलाओं की।