Mental Health Awareness: दीपिका पादुकोण ने डिप्रेशन से कैसे लड़ी जंग और आज बनी लाखों का हौसला ?

भारत एक ऐसा देश हैं, जहां मानसिक स्वास्थ्य को मूड या चिड़चिडापन कहकर टाल दिया जाता हैं। ऐसे में मशहूर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने डिप्रेशन से जंग जीती और अपनी फाउंडेशन TheLiveLoveLaugh के जरिए कहीं युवाओं,महिलाओं और शोषित वर्गों को जीने की आशा दी।

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Nainsee Bansal
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"मानसिक बीमारी के कारण किसी की जान नहीं जानी चाहिए"- दीपिका पादुकोण WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, महिलाएं पुरुषों की तुलना में मानसिक अवसाद की अधिक शिकार होती हैं। भारत एक ऐसा देश हैं जहां महिलाएं अगर इसका शिकार हो भी तो उन्हें मूड या चिड़चिड़ी कहकर टाल दिया जाता हैं। और जब भी इस पर खुल कर बात करने का प्रयास किया जाए, तो लोग इससे भागना पसंद करते हैं, या "मेरे मतलब की बात नहीं" बताते है। ऐसे में मशहूर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने न ही इस stereotype को तोड़ा बल्कि अपनी फाउंडेशन TheLiveLoveLaugh के जरिए कहीं युवाओं,महिलाओं और शोषित वर्गों की आवाज बनी और उन्हें जीने की आशा दी।

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Mental Health Awareness: दीपिका पादुकोण ने डिप्रेशन से कैसे लड़ी जंग और आज बनी लाखों का हौसला ?

दीपिका पादुकोण ने कैसे पहचाना डिप्रेशन को ?

दीपिका बताती हैं, 2013 उनके लिए बड़ा ख्याति वाला साल था, लेकिन 2014 आते ही उन्हें डिप्रेशन के symptom जैसे पेट में अजीब महसूस होना, आसान काम का भी मन न करना, खाली महसूस होना और दिशाहीन होना महसूस होना शुरू हुए, लेकिन वे इन सबसे अंजान थी।लेकिन उनकी मां ने उनकी इसमें मदद की, जब वे उनसे मिलने आई तो उन्होंने दीपिका के डिप्रेशन को पहचाना और प्रोफेशनल हेल्प के लिए कहा।

दीपिका बताती है, कि जो व्यक्ति मल्टीटास्किंग करता हो और अपने निर्णय तुरंत लेता हो उसके लिए यह सफर आसान नहीं होता हैं। उन्होंने न ही केवल अपने डिप्रेशन को पहचाना बल्कि उसके जुड़े टैबू और डर भी दूर किया और उस पर बात की।
दीपिका बताती हैं कि उन्हें अक्सर लगता था कि 'डिप्रेशन का इलाज कराने से व्यक्ति मेडिसिन और डोज का आदी हो जाता हैं, और उन पर निर्भर हो जाता है, पर वास्तव में यह सच नहीं हैं, कहीं ऐसे दिन आएंगे जब आपको दवा लेनी होगी, कभी नहीं, पर प्रोफेशनल हेल्प से आपको अच्छी सहायता मिलेगी और आप उभर पाएंगे'।

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दीपिका ने कैसे दिया दूसरों को हौसला?

दीपिका 2015 में LiveLoveLaugh नाम से hope को ध्यान में रखते हुए कॉलेब्रेशन और पार्टनरशिप के जरिए, एक फाउंडेशन बनाई जो mental health से संबंधित stigma को तोड़ने के साथ, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और प्रोफेशनल मदद भी देती हैं।दीपिका कहीं मंचों पर आकर इस पर खुल कर बात करती हैं और अपनी यात्रा को हौसला और एक नया नजरिए देने की सीख भी बताती हैं।दीपिका ने स्वयं यह जंग जीती और कहीं और लोगों का हौसला भी बनी,
दीपिका हाल ही मैं "परीक्षा पर चर्चा" के आठवें संस्करण जो 12 फरवरी 2025 को हुआ उसमें भी आई और विद्यार्थियों को इस पर मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूक भी किया।

Stress और Anxiety ऐसा common विषय हैं, जो आज आम हैं पर फिर भी जिस पर जितनी बात होनी चाहिए, नहीं होती।लेकिन दीपिका जैसे कहीं लोग हैं, जो उसको सामान्य बताने के साथ साथ, प्रोफेशनल हेल्प के लिए भी कहते हैं। मानवाधिकार की सार्वभौमिक घोषणा के Art.25 में मानव के स्वास्थ्य और well-being को लेकर भी बात की गई हैं। ऐसे में यह मुद्दा किसी वर्ग विशेष तक सीमित नहीं रहता बल्कि भौगोलिक बन जाता हैं, और इस पर बात करना उतना ही आवश्यक है, जितना इसका इलाज होना।

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डिप्रेशन दीपिका पादुकोण mental health well-being