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Equality in Relationship: रिलेशन में समानता के लिए ये बातें जरुरी

पित्तसत्ता समाज में आज भी रिलेशन में मर्द को ऊपर का दर्जा दिया जाता है और महिला उसके नीचे उसकी सेवा में है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। दोनों में समानता होना चाहिए कोई ऊपर या नीचे नहीं दोनों बराबर है।

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Rajveer Kaur
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Things to Keep In Mind For Equality in Relationship (Image Credit: Psych central)

Things to Keep In Mind For Equality in Relationship: रिलेशनशिप एक बहुत ही सुंदर जब तक इसमें एक दूसरी कन्सेंट, बाउंड्री और म्यूचूअल रिस्पेक्ट बनी रहे है। पित्तरसत्ता समाज में आज भी रिलेशन में मर्द को ऊपर का दर्जा दिया जाता है और महिला उसके नीचे उसकी सेवा में है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। दोनों में समानता होना चाहिए कोई ऊपर या नीचे नहीं दोनों बराबर है। आज के समय अगर कोई मेल पार्ट्नर फ़ीमेल पार्ट्नर की रिस्पेक्ट करें उसे कहा यह तो एक औरत के पीछे लगा हुआ है। आज के इस आर्टिकल में जानेंगे कैसे कपल कुछ बातों को अपनाकर रिलेशन में समानता ला सकते हैं-

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Equality in Relationship: रिलेशन में समानता के लिए ये बातें जरुरी

1. इजाज़त की जगह जानकारी हो

रिलेशन में समानता लाने के लिए इसमें दोनों में से एक को भी किसी की इजाज़त लेने की ज़रूरत ना पड़े लेकिन उन्हें एक दूसरे की जानकारी हो। यह ख़ासकर महिलाओं के साथ होता है कि उन्हें रिलेशन में पार्ट्नर से पूछना पड़ता है लेकिन यह ग़लत है।

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2. बच्चों की ज़िम्मेदारी दोनों सम्भालें

बच्चे को पैदा से लेकर उसकी परवरिश तक सारे कामों में दोनों की रज़ामंदी और एफ़र्ट होने चाहिए। ऐसा ना हो सिर्फ़ एक ही पार्ट्नर सब करें जा रहा है। यह बात ज़्यादातर मेल पार्ट्नर को समझनी चाहिए कि मेरा काम साफ़ सिर्फ़ कमाकर लाना नहीं है बच्चों के साथ बैठना उनकी ज़िंदगी के बारे में पूछना और उनके साथ एक अच्छा बोंड बनाना भी है।

3. आर्थिक बोझ सिर्फ़ एक पार्ट्नर पर ना हो

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आर्थिक बोझ सिर्फ़ मेल पार्ट्नर ना हो। महिलाएँ भी उन्हें सहयोग करें दूसरा मेल पार्ट्नर को कोई हक़ नहीं है कि वह महिलाओं को उनके करियर या जॉब से जुड़े फ़ैसलों में डिक्टेट करें। यह महिला की लाइफ़ उसे लेने दे इससे दोनों का फ़ायदा होगा।

4. दोनों एक दूसरे की कन्सेंट को समझें

यह बहुत छोटी सी बात है लेकिन बहुत ज़रूरी है। इसे शादी में लगभग पूरा इग्नोर कर दिया जाता है और रिलेशनशिप में थोड़े चांस होते है कि सामने वाला उसे समझे। कोई सेक्शूअल ऐक्टिविटी या फिर कुछ और काम पार्ट्नर की सहमति ज़रूर ले। इसके साथ नहीं का मतलब नहीं होता है हाँ नहीं होता।

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5. घर के काम भी हो साथ में

अगर दोनों कपल वर्किंग है तो ये और भी ज़रूरी बन जाता है कि महिला ही नहीं घर का काम करें। यह ज़िम्मेदार दोनों में होनी चाहिए। इस चीज़ का दूसरे पार्ट्नर पर कोई अहसान नहीं होना चाहिए। अपना काम करने का कोई दुःख नहीं चाहिए।

6. साथ मिलकर फ़ैसला करें

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आज भी बहुत भारतीय घरों में महिलाओं से पूछकर कोई काम नहीं किया जाता है। समझा जाता है इन्हें कौन सा समझ आएगा। लेकिन यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। दोनों पार्ट्नर की सहमति से यह होना चाहिए।

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