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Raising Kids Together: बच्चे की 'परवरिश' सिर्फ माँ का दायित्व नहीं, पिता भी दें इस तरह साथ

समाज के द्वारा हमेशा ही एक औरत का कर्तव्य है कि वह परिवार और बच्चों की देखभाल करें। वहीं पर कभी भी किसी पुरुष को यह नहीं बताया जाता है कि उसे कैसे एक अच्छा पुरुष बनना चाहिए और कैसे बच्चों की परवरिश करनी चाहिए।

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Rajveer Kaur
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Equal Parenting for Mothers and Fathers: समाज के द्वारा हमेशा ही एक औरत को यह पाठ पढ़ाया जाता है कि उसके लिए मां बनना बहुत जरूरी है और यह एक औरत का कर्तव्य है कि वह परिवार और बच्चों की देखभाल करें। वहीं पर कभी भी किसी पुरुष को यह नहीं बताया जाता है कि उसे कैसे एक अच्छा पुरुष बनना चाहिए और कैसे बच्चों की परवरिश करनी चाहिए। आज के समय में अगर महिलाएं तरक्की कर रही हैं, घर से बाहर जाकर जॉब कर रही हैं लेकिन बात जब परवरिश की आती है तो उनके बोझ उनके उपर ही डाला जाता है। वर्किंग मदर के ऊपर बच्चों को संभालने का बहुत ज्यादा प्रेशर होता है। आज हम जानेंगे कि बच्चों की परवरिश अकेले मां की नहीं बल्कि एक पिता की भी है।

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बच्चे की 'परवरिश' सिर्फ माँ का दायित्व नहीं, पिता भी दें इस तरह साथ

उन्हें समय जरूर दें

मां अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय व्यतीत करती है लेकिन बच्चों के लिए पिता को भी समय जरूर निकालना चाहिए। उन्हें हर दिन अपने बच्चों के साथ बैठकर बातें करनी चाहिए। अगर वह शारीरिक रूप से मौजूद नहीं हो सकते हैं तो उनके साथ वीडियो कॉल या फिर चैटिंग के जरिए भी बात कर सकते हैं। इससे बच्चों को लगेगा कि पिता भी उनकी जिंदगी में शामिल होते हैं और उनकी वैल्यू करते हैं। इससे पिता और बच्चे के बीच में बॉन्ड बनना शुरू हो जाएगा। उन्हें ऐसा नहीं लगेगा कि सिर्फ मां ही उनसे प्यार करती है।

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उनके लिए खाना बनाएं

ज्यादातर घरों में बच्चों के लिए खाना मां ही बनाती है लेकिन कभी-कभी फादर को भी अपने बच्चों के लिए कुक करना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को किचन में साथ लेकर कुछ समय जरूर स्पेंड करना चाहिए। इससे बच्चे आपके साथ कनेक्ट कर पाएंगे। उन्हें ऐसा नहीं लगेगा कि फादर कोई ऐसी फिगर है जिनके साथ हमें गैप रखना है या फिर ज्यादा बातचीत नहीं करनी। जब आप बच्चों के साथ कोई भी एक्टिविटी करते हैं तो बच्चे आपके साथ बिल्कुल सहज हो जाते हैं और उनमें कोई भी झिझक नहीं रहती है।

बच्चों की जिंदगी में शामिल होने की कोशिश करें

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बच्चों के छोटे-छोटे कामों में फादर को भी रोल अदा करना चाहिए जैसे स्कूल में एक्टिविटी होने पर मौजूद होना, साथ में शॉपिंग करना, आइसक्रीम खाने जाना या फिर घूमने जाना। ऐसे बच्चों को लगेगा कि फादर भी उनकी केयर करते हैं और उन्हें प्यार करते हैं। इससे बच्चों को फादर के बारे में भी अलग चीजें पता चलेंगी। उन्हें ऐसा लगेगा कि हर चीज के लिए मदर को परेशान नहीं करना है। हम अपनी प्रॉब्लम्स फादर को भी बता सकते हैं और वह उनका सॉल्यूशन दे सकते हैं।

उनके लिए सुरक्षित माहौल पैदा करें

बच्चों के लिए घर में सुरक्षित माहौल बनाना बहुत जरूरी है जहां पर वह खुलकर बातचीत कर सकें। भारतीय घरों में ज्यादातर फादर ऐसा माहौल बनाकर रखते हैं जहां पर बच्चे उनके साथ बात करने से भी डर महसूस करते हैं। उन्हें फादर की तरफ से इमोशनल सपोर्ट नहीं मिलता है। ऐसे में फादर को चाहिए कि वह घर में ऐसा माहौल बनाए जहां पर बच्चों के मन में डर ना हो।

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उनके कामों में मदद करें

बच्चों के कामों में मदद करना भी बहुत जरूरी है। इससे बच्चे आपके साथ बहुत सारा टाइम शेयर करेंगे। ऐसे आप बच्चों की जिंदगी के बारे में बहुत कुछ जान पाएंगे। बच्चे आपके साथ अपनी बातें शेयर करेंगे और अपनी प्रॉब्लम्स बताएंगे। आप उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा रोल अदा कर सकते हैं। इससे ऐसा नहीं होगा कि आप आपने बच्चों के  खास पल संजो कर रखेंगे। इसलिए समय मिलने पर बच्चों की मदद जरूर करें जैसे आप उनकी पढ़ाई में मदद कर सकते हैं या उनके साथ खेल सकते हैं।

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