Promote body positivity in your child in these ways : इंसान का शरीर प्रकृति की एक उत्कृष्ट रचना है। हर शरीर अपने आप में अलग और खूबसूरत होता है। दुनिया में कई प्रकार के हेल्दी शेप, साइज, हाइट, वेट इत्यादि हो सकते हैं और यह सारे अपने आप में ही खूबसूरत होते हैं। जीवन में खुश रहने के लिए सबसे पहले इंसान को अपने आप को समझना और एक्सेप्ट करना बहुत जरूरी है। ऐसे में अपनी बॉडी के बारे में भी अच्छा महसूस करना एक खुश मिजाज इंसान की निशानी है। अपने बॉडी के प्रति अवेयरनेस और कॉन्फिडेंट रहना इंसान की जिंदगी भर मदद करता है। लो सेल्फ एस्टीम कई प्रकार के शारीरिक स्वास्थ्य के इश्यूज का भी कारण बनता है साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी खराब करता है। ऐसे में अपने बच्चों को बचपन से ही बॉडी पॉजिटिविटी के बारे में सीखाना चाहिए। अपने आप को उन्हें वह जैसे हैं वैसे ही एक्सेप्ट करना चाहिए और खुद के प्रति हीन भावना विकसित नहीं करनी चाहिए। आईए जानते हैं यह टिप्स जिनके द्वारा आप बच्चों को बचपन से ही बॉडी पॉजिटिविटी सीखा सकते हैं
अपने बच्चों को ऐसे सिखाएं बॉडी पॉजिटिविटी
1. बच्चों को उनकी बॉडी के बारे में सिखाएं
बचपन से ही छोटे बच्चों को उनकी बॉडी के बारे में ज्ञान दें। जब बच्चे टॉडलर हैं, एक या दो साल के हैं तब से ही आप उन्हें यह सब सिखा सकते हैं। उनके बॉडी पार्ट्स के बारे में उन्हें समझाएं। उन्हें उनके पार्ट्स का फंक्शन बताएं और यह समझाएं कि यह सब प्रकृति की रचना है। और हर बॉडी पार्ट अपने आप में महत्वपूर्ण है।
2. वेट से ज्यादा हेल्थ को प्रमोट करें
अपने बच्चों को यह समझाएं कि उनके शरीर का हेल्दी रहना बहुत ही जरूरी होता है। उन्हें यह समझाएं कि हेल्दी रहने के लिए कोई एक खास किस्म का शेप या साइज नहीं होता है। हर कोई अपने आप में ही खूबसूरत है। उन्हें यह समझाएं कि इंसान को बैलेंस डाइट खानी चाहिए और किस प्रकार से अपने हेल्थ को मेंटेन किया जाना चाहिए। उन्हें सिखाएं कि कभी-कभी वजन ज्यादा या कम होने पर भी इंसान हेल्दी तरीके से रह सकता है।
3. उन्हें एक्टिव रहने की प्रेरणा दें
अपने बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी की अहमियत समझाएं। उन्हें यह बताएं कि व्यायाम शरीर के लिए कितना जरूरी होता है। परिवार का बच्चों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि व्यायाम इंसान के डेली रूटीन का एक महत्वपूर्ण अंग है और नियमित रूप से व्यायाम करके इंसान अपने आप में कंफर्टेबल महसूस कर सकता है।
4. मिसइनफॉरमेशन को सही करें
कभी-कभी जब बच्चा कई प्रकार के मीडिया को कंज्यूम करता है तब अनरियलिस्टिक ब्यूटी स्टैंडर्ड को सीख लेता है। साथ ही साथ आजकल सोशल मीडिया भी कई प्रकार के मिसइनफॉरमेशन को फैलाने का कारण बन चुका है। ऐसे में समय-समय पर बच्चे किस प्रकार का मीडिया कंज्यूम कर रहे हैं इस पर ध्यान दें। और यदि उन्होंने कोई मिसइनफॉरमेशन ली है और किसी बॉडी टाइप के बारे में एक खास प्रकार की सोच रखते हैं तब उसे ठीक करने के लिए उन्हें समझाएं। उन्हें यह समझाएं कि लोगों को उनके शरीर से जज नहीं करना चाहिए। उन्हें सिखाएं कि हर प्रकार की बॉडी अच्छी बॉडी होती है। और वह किसी को भी जज ना करें। ना ही अनअटेनेबल सोसाइटल ब्यूटी स्टैंडर्ड के चक्कर में फंसे।
5. अच्छा उदाहरण सेट करें
बच्चा बहुत हद तक अपने पेरेंट्स को देख कर ही सीखता है। ऐसे में बॉडी पॉजिटिविटी को बढ़ाने के लिए आप खुद से ही शुरुआत करें। और एक अच्छा उदाहरण सेट करें। आप अपनी बॉडी लैंग्वेज को भी ध्यान में रखें और यह सुनिश्चित करें कि आप खुद के बारे में भी अच्छा महसूस करते हैं। और अपने बॉडी में भी कंफर्टेबल हो। यह ध्यान रखें कि आप खुद कभी किसी के बॉडी पर टिप्पणी न करते हो। यह छोटी-छोटी बातें भी आपके बच्चे में बॉडी पॉजिटिविटी को बढ़ाएगी।