Sex During Menopause: मेनोपॉज (Menopause) के दौरान सेक्स लाइफ (Sex Life) में कई उतार चढ़ाव आते हैं और ऐसा होना कॉमन हैं। मेनोपॉज के वक्त सबसे पहले पीरियड्स (Menstrual Cycle) होना बंद हो जाते हैं। तो वहीं खूब मूड स्विंग (Mood Swing) होते हैं। जिसके कारण महिलाओं को सेक्सुअल संबंध बनाने में परेशानी होती है। मेनोपॉज (Menopause) हर महिला के जीवन में एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट होता है। यह महिलाओं के शारीरिक और मानसिक हेल्थ पर असर करता है। सिर्फ इतना ही नहीं यह महिलाओं के सेक्स लाइफ (Sex Life) पर भी असर डालती है। अगर आपकी उम्र 40 साल हो चुकी है और आपको मेनोपॉज के लक्षण दिखने शुरू हो गए हैं तो आपको अपनी हेल्थ को लेकर बहुत सिक्योर होने की जरूरत है।आइए आपको बताते हैं इस ब्लॉग में कि मेनोपॉज दौरान सेक्स कर सकते हैं या नही।
क्या मेनोपॉज के दौरान सेक्स कर सकते हैं?
1. डिप्रेशन
मेनोपॉज का सबसे पहला असर आपके मानसिक स्वास्थ्य और मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। कुछ महिलाओं को तो मेनोपॉज के चलते वे डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। इस वजह से उनका मूड स्विंग बहुत होता है। जिसकी वजह से उनके सेक्स लाइफ में भी बहुत इफ़ेक्ट पड़ता है।
2. लो सेक्स ड्राइव
मेनोपॉज की वजह से शरीर में हॉर्मोन्स में बदलाव आते हैं। जिससे सेक्सुअल इंटिमेसी में अचानक से कमी आने लगती है जिस वजह से सेक्स ड्राइव भी कम हो जाता है। यही नही मेनोपॉज के वक्त दी जानेवाली दवाइयों की वजह से भी महिलाएं अपने पार्टनर के साथ इंसेंसेटिव हो जाती हैं और चिड़चिड़ी हो जाती हैं।
3. मूड स्विंग और नींद की कमी
मेनोपॉज के दौरान शरीर में गर्मी या हॉट फ्लैश होने लगता हैं। जिसकी वजह से महिलाओं को कम नींद और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। इसी तरह शरीर में हॉर्मोन्स की वजह से कई उतार चढ़ाव के चलते मूड स्विंग होना बहुत ही कॉमन है। इन दोनों कारणों से महिलाओं में सेक्स ऊर्जा कम हो जाती है और जिसका असर उनकी सेक्स लाइफ पर पड़ता है।
4. संबंध बनाते समय होता है दर्द
मेनोपॉज के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है और इस वजह से उनके वजाइना में कई बदलाव आते हैं। ज्यादातर बदलाव नजर नहीं आते लेकिन यह सच है कि वजाइना पहले जैसी नहीं रहती है। हालांकि मेनोपॉज के बाद सेक्स करना महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इस दौरान वजाइना में ब्लड फ्लो कम हो जाता है और शारीरिक संबंध बनाने से यह बढ़ भी सकता है यह सब कॉमन हैं। इसके अलावा वजाइना स्वस्थ रहती है।
5. वजाइना में ड्राइनेस
मेनोपॉज के समय अचानक से एस्ट्रोजन का फ्लो कम हो जाता है। जिसकी वजह से वजाइना में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है। इसकी वजह से वजाइना में लुब्रिकेशन की कमी कम हो जाती है और वजाइना में बहुत सूखापन महसूस होने लगता है।
6. ऑर्गेज्म में मुश्किल
मेनोपॉज के वक्त ऑर्गेज्म तक पहुंचने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन इस बात से आपको अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको यह याद रखने की जरूरत है कि उम्र के साथ ऐसा होना स्वाभाविक है।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।