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Women Health: जानिए Abortion के दुष्प्रभाव

गर्भपात (Abortion), जिसे कई बार गर्भ नाश के रूप में भी जाना जाता है, एक महिला के जीवन में बड़ा फैसला होता है। यह एक स्त्री के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। 

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Ritika Negi
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Abortion

Abortion (Image Credit: file image)

How does abortion affect women health: गर्भपात (Abortion), जिसे कई बार गर्भ नाश के रूप में भी जाना जाता है, एक महिला के जीवन में बड़ा फैसला होता है। यह एक स्त्री के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। अबॉर्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को गर्भ में ही खत्म कर दिया जाता है। हमारे समाज में अबॉर्शन कराने के कई कारण है, कई रूढ़िवादी बातें हैं, जिनका अंजाम बेचारी मां और पेट में पल रहे बच्चे को झेलना पड़ता है।

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पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अबॉर्शन कैसे होता है? यह मॉडर्न मेडिकल प्रोसेस है जिसमें बच्चे को गर्भ में ही खत्म करने के लिए दवाइयां खिलाई जाती हैं और दूसरा उपाय है सर्जरी करके बच्चे को खत्म करना। चाहे अबॉर्शन किसी भी कारण से हो, इसका महिला के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव होता है।

गर्भपात (Abortion) कैसे महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है?

1. शारीरिक प्रभाव

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अबॉर्शन के बाद महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य पर कई प्रकार का प्रभाव पड़ता है। अबॉर्शन के दौरान होने वाली किसी भी समस्या या चिकित्सा गलती के कारण, महिलाओं को शारीरिक तकलीफें हो सकती हैं। इसके अलावा, कई मामलों में अबॉर्शन के बाद महिलाओं को पीरियड्स में अधिक दर्द और खून बहने की समस्या होती है। 

2. मानसिक प्रभाव

हर मां के लिए उसके पेट में पल रहा बच्चा बहुत खास होता है, अगर उसका बच्चा गर्भ में ही मार दिया जाए तो एक मां का जीवन खत्म सा हो जाता है। अबॉर्शन के बाद महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। कई महिलाओं को अबॉर्शन के बाद गिले शिकवे होते हैं और वे अपने आपको अकेला महसूस करती हैं। इसके साथ ही, कुछ महिलाएं अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन और एंग्जायटी तक का शिकार हो जाती हैं। 

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3. सामाजिक प्रभाव

अबॉर्शन के बाद महिलाओं को सामाजिक दबाव भी महसूस होता है। कई समाजों में अबॉर्शन को एक गलत कार्य माना जाता है, जो कि है और ऐसी महिलाओं को समाज में अलग किया जाता है। इससे महिलाओं को अपने समाज में स्वीकृति की कमी महसूस हो सकती है और वे सामाजिक रूप से अलग हो सकती हैं। कभी कभी ऐसी परिस्थिति आ जाती है कि समाज उन महिलाओं को एक्सेप्ट नहीं करता, उन्हें अपने से अलग कर देता है। 

अबॉर्शन के प्रभाव से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है कि हम इसे गंभीरता से लें। अबॉर्शन से पहले और बाद में महिलाओं को सही सलाह और समर्थन प्राप्त करना चाहिए। साथ ही, समाज को भी इस मुद्दे को समझने और समर्थन प्रदान करने की आवश्यकता है। अबॉर्शन सिर्फ तभी करना चाहिए जब बहुत बड़ी इमरजेंसी हो और अबॉर्शन के अलावा और कोई रास्ता न दिखे। 

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Disclaimer: इस प्लेटफार्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह लें।

Women health abortion पीरियड्स डिप्रेशन
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