Menopause After 30: क्या आप 30 की उम्र के बाद मेनोपॉज़ के संकेतों को पहचान पा रही हैं? जानिए एक्सपर्ट्स से इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Menopause After 30: आमतौर पर मेनोपॉज़ 45 से 55 की उमर में होने वाली एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है।इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि इसके लक्षणों को समय रहते पहचाना जाए और सही सलाह लेकर इसका सामना किया जाए।

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Tamnna Vats
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Are You Able to Recognize the Signs of Menopause After the Age of 30? Know the Symptoms and Prevention Tips from Experts: आमतौर पर मेनोपॉज़ 45 से 55 की उमर में होने वाली एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है। लेकिन आजकल की बदलती जीवनशैली, तनाव, हार्मोनल असंतुलन और खानपान की वजह से कुछ महिलाओं में यह प्रक्रिया 30 की उम्र के बाद ही शुरू हो सकती है। जिसे अर्ली मेनोपॉज़ कहा जाता है। यह न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी महिलाओं को प्रभावित करता है। इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि इसके लक्षणों को समय रहते पहचाना जाए और सही सलाह लेकर इसका सामना किया जाए।

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Menopause After 30: क्या आप 30 की उम्र के बाद मेनोपॉज़ के संकेतों को पहचान पा रही हैं? जानिए एक्सपर्ट्स से इसके लक्षण और बचाव के तरीके

मेनोपॉज़ असल म है क्या?

मेनोपॉज़ वह स्थिति है जब महिला के शरीर में मासिक धर्म (पीरियड्स) स्थायी रूप से बंद हो जाता है और प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है। यह तब होता है जब ओवरीज़ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का निर्माण बंद कर देती हैं। जब 12 महीने तक पीरियड्स न आएं, तो इसे मेनोपॉज़ माना जाता है।

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40 की उम्र से पहले मेनोपॉज़ के कारण 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ महिलाओं में जेनेटिक कारणों, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, कीमोथेरेपी, रेडिएशन या ओवरी सर्जरी की वजह से जल्दी मेनोपॉज़ हो सकता है। इसके अलावा स्मोकिंग, अत्यधिक तनाव, असंतुलित डाइट और अत्यधिक वर्कआउट भी इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

अर्ली मेनोपॉज़ के लक्षण

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30 की उम्र के बाद पीरियड्स का अनियमित होना या अचानक बंद हो जाना। अचानक गर्मी लगना या पसीना आना। बेचैनी या नींद न आना। मूड स्विंग्स और डिप्रेशन महसूस होना। वजाइनल ड्रायनेस और सेक्स का मन कम होना। थकावट या शरीर में दर्द महसूस होना। त्वचा और बालों में बदलाव। फोकस या ध्यान एक जगह रखने में दिक्कत होना। ये लक्षण अर्ली मेनोपॉज़ के होते है और इन्हें नजरअंदाज करना नासमझी हो सकती है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से आगे चलकर हार्ट डिजीज़, ओस्टियोपोरोसिस और प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

कैसे करें बचाव?

हालांकि मेनोपॉज़ एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन कुछ हेल्दी आदतों से इसे देर तक रोका या इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। संतुलित आहार, डाइट में कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट शामिल करें। रेगुलर व्यायाम, योग, वॉकिंग या हल्का वर्कआउट हार्मोन बैलेंस करने में मदद करता है। तनाव को कम करें, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद मानसिक संतुलन के लिए जरूरी है। डॉक्टर से नियमित जांच कराएं , हार्मोन लेवल, बोन डेंसिटी और रिप्रोडक्टिव हेल्थ की जांच करवाते रहें। धूम्रपान और शराब से दूरी रखें, ये अर्ली मेनोपॉज़ का कारण बन सकते हैं।

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डॉक्टर की सलाह

यदि आपको 30 या 35 की उम्र के बाद लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आ रहे हैं या ऊपर बताए गए लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत गाइनिकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। एक सही डायग्नोसिस और समय पर इलाज से आगे की जटिलताओं को रोका जा सकता है। 

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