Stop Believing These 5 Myths About Masturbation: मास्टरबेशन के बारे में कई गलत धारणाएं और मिथक हैं जो समाज में फैले हुए हैं। ये मिथक लोगों को भ्रमित करते हैं और अनावश्यक चिंता का कारण बनते हैं। इस लेख में, हम पाँच प्रमुख मिथकों के बारे मैं बात करेंगे जो मास्टिरबेशन से जुड़े हैं। यह समय है कि हम इन गलतफहमियों को दूर करें और सही जानकारी प्राप्त करें ताकि हम स्वस्थ और सकारात्मक दृष्टिकोण अपना सकें।
Masturbation Myths: जानें हस्तमैथुन से जुड़े 5 मिथकों का सच
1. It is a shame thing to do
मास्टरबेशन के बारे में सबसे आम मिथकों में से एक यह है कि यह एक शर्मनाक काम है। वास्तव में, यह एक प्राकृतिक और सामान्य क्रिया है जिसका अधिकांश लोग अपने जीवन के किसी न किसी चरण में अनुभव करते हैं। यह शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया है और इसके बारे में शर्मिंदा होने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने शरीर को बेहतर ढंग से समझ सकता है और इससे तनाव भी कम हो सकता है।
2. It’s for Gays & Lesbians
एक और बड़ा मिथक यह है कि मास्टरबेशन सिर्फ गे और लेस्बियन्स के लिए होता है। हकीकत में, मास्टरबेशन का यौन पहचान से कोई संबंध नहीं है। यह सभी लिंग और यौन पहचान के लोगों द्वारा किया जाता है। यह सोचना गलत है कि यह सिर्फ कुछ खास लोगों के लिए है। सभी लोग, चाहे उनकी यौन पहचान कुछ भी हो, इस सामान्य क्रिया में शामिल हो सकते हैं।
3. Masturbation means you are impotent
कई लोग सोचते हैं कि अगर कोई व्यक्ति मास्टरबेशन करता है तो इसका मतलब है कि वह नपुंसक है या उसमें यौन क्षमता की कमी है। यह मिथक बिल्कुल गलत है। मास्टरबेशन का यौन क्षमता या प्रजनन क्षमता पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। वास्तव में, यह एक स्वस्थ यौन जीवन का हिस्सा हो सकता है और इससे यौन स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
4. It’s not for those who are in a relationship
यह भी एक आम धारणा है कि जो लोग रिश्ते में हैं, उन्हें मास्टरबेशन नहीं करना चाहिए। सच्चाई यह है कि मास्टरबेशन किसी भी रिश्ते की स्वस्थता को प्रभावित नहीं करता। यह व्यक्ति की व्यक्तिगत जरूरतों और यौन इच्छाओं का एक हिस्सा हो सकता है। कई लोग जो रिश्ते में होते हैं, वे भी मास्टरबेशन करते हैं और इससे उनके रिश्ते पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
5. Masturbation is a disease
सबसे बड़े गलतफहमियों में से एक यह है कि मास्टरबेशन एक बीमारी है। वास्तव में, यह न तो मानसिक और न ही शारीरिक बीमारी है। यह एक सामान्य और प्राकृतिक क्रिया है जो किसी भी प्रकार की बीमारी का संकेत नहीं देती। यदि किसी व्यक्ति को इसके बारे में चिंता या अपराधबोध महसूस होता है, तो उन्हें इस पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए और सही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।