Oral and Anal Sex: ओरल और एनल सेक्स यौन गतिविधियों के विभिन्न प्रकार हैं। मुख मैथुन में एक व्यक्ति अपने साथी के जननांगों को मुख से उत्तेजित करता है, जबकि गुदा मैथुन में एक व्यक्ति अपने साथी के गुदा को उत्तेजित करता है या प्रवेश करता है। ये गतिविधियाँ सहमति और आराम के आधार पर की जानी चाहिए और इनमें सुरक्षित यौन प्रथाओं का पालन करना महत्वपूर्ण है, जैसे कि कंडोम का उपयोग करना, ताकि यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) का जोखिम कम किया जा सके।
ओरल और एनल सेक्स के 5 जोखिम
1. संक्रमण का खतरा
मुख मैथुन और गुदा मैथुन दोनों ही एसटीडी (यौन संचारित रोग) का खतरा बढ़ा सकते हैं। हर्पीज, गोनोरिया, क्लैमाइडिया, सिफिलिस और एचआईवी जैसे संक्रमण इन प्रकार के यौन संबंधों से आसानी से फैल सकते हैं। गुदा मैथुन के दौरान गुदा की नाजुक त्वचा में दरार या चोट लगने का खतरा होता है, जिससे संक्रमण का प्रसार अधिक हो सकता है। इसी प्रकार, मुख मैथुन के दौरान अगर मुंह में किसी प्रकार की कट या घाव है तो संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है।
2. फिशर और अन्य गुदा संबंधित समस्याएँ
गुदा मैथुन के दौरान गुदा क्षेत्र में अत्यधिक दबाव और खिंचाव हो सकता है, जिससे गुदा फिशर (छोटी दरारें), हेमोराइड्स और गुदा की अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह दर्दनाक हो सकता है और इसके लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, गुदा में किए गए अनैतिक गतिविधियों से बैक्टीरिया का संक्रमण भी हो सकता है।
3. दंत समस्याएँ
मुख मैथुन के दौरान, विशेषकर अगर सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया जाता है, तो दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। कुछ यौन संचारित संक्रमणों से मसूड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है, जिससे दंत स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसके अतिरिक्त, यदि मुख मैथुन के दौरान मुंह में चोट लग जाए या संक्रमण हो जाए, तो इसका प्रभाव दांतों की सेहत पर पड़ सकता है।
4. मनोवैज्ञानिक प्रभाव
मुख और गुदा मैथुन को लेकर कई बार व्यक्ति मानसिक तनाव और चिंता का सामना कर सकते हैं। यह व्यक्तिगत सीमाओं और सहमति के उल्लंघन का कारण बन सकता है, जिससे आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कई बार, यदि ये यौन क्रियाएँ बलपूर्वक या दबाव में की जाती हैं, तो इससे मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि डिप्रेशन और एंग्जायटी।
5. गर्भावस्था का जोखिम
हालांकि मुख मैथुन के माध्यम से गर्भधारण नहीं होता है, लेकिन यदि वीर्य का संपर्क योनि के साथ हो जाए तो गर्भधारण का जोखिम बना रहता है। यह दुर्लभ स्थिति है, लेकिन संभावना को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। इसलिए, यह आवश्यक है कि यौन संबंधों के दौरान हमेशा सावधानी बरती जाए और उचित सुरक्षा उपायों का पालन किया जाए।
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