Why It Is Important For Women To Address Depression: डिप्रेशन जैसे टॉपिक पर हमारे समाज में बात नहीं की जाती है। जब महिलाओं की बात आती है तो यह विषय हमेशा के लिए बंद हो जाता है। ऐसा समझा जाता है कि डिप्रेशन वास्तविक में कोई बीमारी नहीं है। यह सिर्फ काम ना करने का एक बहाना है। इसके साथ डिप्रेशन को लेकर जज भी किया जाता है जिसके कारण शर्मिंदगी भी इसके साथ जुड़ जाती है और महिलाएं इसके बारे में बात नहीं करती है। इसके साथ ही ऐसा भी समझा जाता है कि यह सब कुछ अटेंशन के लिए हो रहा है लेकिन असल में कुछ नहीं है। ऐसी बातों के होने का एक बड़ा कारण यह भी है कि डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है जिसका असर बाहरी दुनिया को दिखाई नहीं देता है। इससे व्यक्ति अपने अंदर ही एक युद्ध लड़ रहा होता है जो बाहर की दुनिया को दिखाई नहीं देता है। इस कारण बहुत सारी महिलाएं डिप्रेशन के बारे में बात ही नहीं करती हैं और अंत में इस दुनिया को अलविदा कह देती हैं-
क्यों महिलाओं की डिप्रेशन के बारे में चुप्पी खतरनाक है?
आत्महत्या तक बात जा सकती है
अगर आप डिप्रेशन के बारे में बात नहीं करते हैं और इस बीमारी से लगातार जूझ रहे हैं और न ही आपका इसका इलाज करवा रहे हैं तो अंत में बात आत्महत्या तक जा सकती है। आपको सुसाइड भरे थॉट आ सकते हैं। अगर बात ज्यादा बढ़ जाए तो यह आत्महत्या के विचार वास्तविकता भी बन सकते हैं जहां पर व्यक्ति सुसाइड करने की कोशिश करता है और कई बार इसमें सफल भी हो जाता है। डिप्रेशन से जूझ रही महिला अगर कुछ बात नहीं करती है तो उसके आसपास लोगों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वह इसके लक्षण पहचानकर इलाज करवाएं।
इलाज में देरी
डिप्रेशन के इलाज में देरी भी एक चिंताजनक मुद्दा है क्योंकि जब आप इसके बारे में बात नहीं करते हैं तो इलाज में देरी होती जाती है। आप खुद को भी समझना बंद कर देते हैं कि आप क्या महसूस कर रहे हैं या फिर आपके साथ क्या हो रहा है। आप बहुत ज्यादा अकेला महसूस करने लग जाते हैं। आप किसी से बात नहीं करते हैं। इससे आपके लक्षण बढ़ते जाते हैं और कई बार फिर इलाज करने में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और यह ज्यादा लंबा चला जाता है।
रिश्ते खराब हो सकते हैं
डिप्रेशन होने से आपका किसी काम में मन नहीं लगता है। आप अकेले बैठे रहते हैं और मूड स्विंग से होते हैं आप हर चीज को नेगेटिव तरीके से देखते हैं। इससे आपके रिश्तों में खराबी आने लग जाती है क्योंकि आप किसी को अपने प्रॉब्लम के बारे में बताते नहीं है।।उनके मन में आपके लिए गलतफहमी हो सकती है कि आप शायद काम से बच रहे हैं या फिर एक्टिव तरीके से किसी काम में पार्टिसिपेट नहीं करते हैं तो दूसरे लोग आपके साथ बुरा व्यवहार कर सकते हैं। इसलिए आपको इसके बारे में बोलना ही पड़ेगा।
खुद की जिंदगी के खिलवाड़
अगर आप डिप्रेशन के बारे में बात नहीं कर रहे हैं तो आप समाज से डर रहे हैं कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचेंगे या फिर आपको इसके लिए गिल्ट महसूस करवाया जाएगा तो आप खुद की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपनी मेंटल और फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखें। आपको जब भी लगता है कि मैं सही महसूस नहीं कर रही हूं तो आपको इसके बारे में बात करनी चाहिए और हेल्थ केयर प्रोवाइडर के साथ जरूर संपर्क करना चाहिए।
अकेले रहना
अकेले रहने में कोई बुराई नहीं है जब आप इसे इंजॉय करते हैं लेकिन जब आप डर या फिर उदासी के कारण अकेले रहते हैं तो आपका किसी के बीच मन नहीं लगता है। आप ओवरथिंकिंग करते जा रहे हैं। आपको रात को नींद नहीं आती है। आपका किसी काम में मन नहीं लग रहा है तब यह चीज खतरनाक है और आपको इसके ऊपर ध्यान देने की जरूरत है कि मैं ऐसा क्यों कर रही हूं। इससे आपके व्यव्हार में भी चेंज आने लग जाएगा। आप किसी भी काम में अच्छा नहीं कर पाएंगे।