बेटियां कभी भी अपने मन की या दुख की बात अपने पिता से कम ही करती है। भारतीय समाज में ऐसा पितृसत्तात्मक सोच के कारण है जिसमें उन्हें बताया जाता है कि पिता के साथ इतना खुला व्यवहार नहीं करना चाहिए और उनके बीच एक पर्दा होना चाहिए।
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