महिलाओं की सफलता को आज भी शादी से जोड़ना पितृसत्ता की देन है। करियर, आत्मनिर्भरता और मानसिक स्वतंत्रता के बावजूद सामाजिक दबाव उन्हें अधूरा महसूस कराता है।
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे