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International Day of Yoga: महिलाओं को अपने जीवन में योग क्यों शामिल करना चाहिए?

अगर आप अपनी जिंदगी में योग को शामिल कर लेते हैं तो आप इस भागदौड़ भरे लाइफस्टाइल में भी स्ट्रेस फ्री जीवन जी सकते हैं। आज इंटरनेशनल योग दिवस पर हम जानेंगे कि क्यों महिलाओं को योग को अपनी जिंदगी में शामिल कर लेना चाहिए- 

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Rajveer Kaur
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International Day of Yoga

(Image Credit: Freepik)

International Day of Yoga: योग का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। सबसे पहले इसे आध्यात्मिकता से जोड़कर देखा जाता था लेकिन आज कल के लाइफस्टाइल में अगर आप अपनी मेंटल और फिजिकल वेल बीइंग का ध्यान रखना चाहते हैं तो योग से बेहतर कुछ भी नहीं है। योग को करने के अलग-अलग तरीके हैं जिसमें योगासन, प्राणायाम और ध्यान शामिल हैं हर एक व्यक्ति अपने व्यक्तित्व फायदा के लिए योग को अपने जीवन में शामिल करता है। अगर आप अपनी जिंदगी में योग को शामिल कर लेते हैं तो आप को जिंदगी जीने का एक नया तरीका मिल जाएगा। इससे आप इस भागदौड़ भरे लाइफस्टाइल में भी स्ट्रेस फ्री जीवन जी सकते हैं। आज इंटरनेशनल योग दिवस पर हम जानेंगे कि क्यों महिलाओं को योग को अपनी जिंदगी में शामिल कर लेना चाहिए- 

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महिलाओं को अपने जीवन में योग क्यों शामिल करना चाहिए?

वर्क-लाइफ बैलेंस (Work-Life Balance)

महिलाओं के जीवन की बात की जाए तो समाज की अपेक्षाएं उनके ऊपर इतनी ज्यादा होती है कि उन्हें अपने करियर के साथ-साथ घर को भी जोड़कर रखना पड़ता है। ऐसे में उनकी शारीरिक और मानसिक हेल्थ खराब होने लग जाती है।।इसलिए महिलाओं को अपने जीवन में योग को जरूर शामिल करना चाहिए।यहां पर योग करने से महिलाओं को शारीरिक थकावट दूर होगी, वहीं उन्हें तनाव से भी राहत मिलेगी। इसके कारण वह घर और ऑफिस को एक साथ लेकर चल पाएंगी। इसके साथ ही उनका काम पर फोकस बढ़ेगा और उन्हें उनकी बॉडी में काम करने के लिए एनर्जी भी रहेगी।

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प्रेगनेंसी में फायदेमंद ( Beneficial In Pregnancy)

प्रेगनेंसी में महिलाओं को ज्यादा ध्यान की जरूरत होती है जहां पर महिलाओं को शारीरिक सेहत का ध्यान रखना है। वहीं पर मानसिक सेहत भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। ऐसे में योग करने से आप इन दोनों को स्वस्थ रख सकते हैं। ऐसे समय में महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन बहुत होते हैं जिसके कारण बहुत सारी डिस्टरबेंस हो जाती है। ऐसे में योग से आप इन्हें शांत कर सकते हैं। अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान डिप्रेशन और एंजायटी से जुझ रहे हैं तब भी यह आपके लिए बहुत फायदेमंद है, इसके साथ ही महिलाओं की बॉडी में योग करने से फ्लैक्सिबिलिटी आती है जिससे आप नॉर्मल डिलीवरी भी कर सकते हैं और लेबर पेन भी कम होती है।

मेनोपॉज में साथी (Ally In Menopause)

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मेनोपॉज  महिलाओं की जिंदगी का एक ऐसा पड़ाव होता है जिसमें उन्हें उनके शरीर में बहुत सारे परिवर्तन आते हैं। इस समय उन्हें बहुत सारे लक्षणों का सामना भी करना पड़ता है जैसे हॉट फ्लैशेस, हार्मोनल इंबैलेंस और सेक्स ड्राइव में बदलाव आदि। ऐसे समय में महिलाएं एजिंग से भी गुजर रही होती हैं। उनके मूड स्विंग्स भी होते रहते हैं और स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। इस समय पर योग आपकी शारीरिक और मानसिक हेल्थ दोनों की देखभाल करेगा। इसके साथ मूड स्विंग्स और हॉट फ्लैशेस के लक्षणों को कम कर सकते हैं। मेनोपॉज के कारण मेमोरी के ऊपर भी प्रभाव पड़ने लग जाता है लेकिन अगर आप योग करते हैं तो इससे आपका अटेंशन और कंसंट्रेशन भी बना रहता है। योग करने से महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तीनों ही फायदे मिलते हैं।

खुद के लिए समय (self care)

जब महिलाएं अपने जीवन में योग को शामिल करती है तब वह नियमित रूप से अपने लिए समय निकाल पाती हैं। यह उनका गोल्डन पीरियड है जहां पर वह अपनी फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मानसिक हेल्थ को भी प्रायोरिटी देती हैं। इससे उन्हें बीमारियों बहुत सारी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है जैसे उन्हें सुबह जल्दी उठने की आदत पड़ जाती है, उनका रूटीन फिक्स हो जाता है, बॉडी में बैलेंस आता है, स्लीप अच्छी होने लग जाती है, स्ट्रेस कम हो जाता है, शरीर ज्यादा फ्लैक्सिबल हो जाता है और पोस्चर में सुधार आने लग जाता है। इसके साथ ही बोन हेल्थ में सुधार आता है। इन सब के कारण उनके जीवन की क्वालिटी बढ़ जाती है।

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माइंडफूलनेस (Mindfulness)

आजकल के समय में स्ट्रेस इतना ज्यादा बढ़ गया है कि हम में से बहुत पास्ट में जीते हैं या फिर उन्हें फ्यूचर की चिंता होती है। हमने आज के समय में जीना ही छोड़ दिया है। हम छोटी-छोटी बातों की चिंता लेकर बैठे रहते हैं और ओवर थिंकिंग का शिकार हो जाते हैं। हमारे आसपास बहुत सारी चीजें हैं जिन्हें इंजॉय ही नहीं करते हैं लेकिन योग के कारण आप माइंडफूलनेस प्रैक्टिस करते हैं। आप ब्रीदिंग टेक्निक्स और मेडिटेशन का सहारा लेते हैं जिससे आपकी ओवरऑल वेल्बीइंग पर पॉजिटिव असर पड़ता है। इसके साथ ही आपकी इमोशनल वेल्बीइंग में सुधार आता है क्योंकि आप आप बहुत ज्यादा ओवरव्हेलमिंग बिहेव नहीं करते हैं। आप हर सिचुएशन में शांत रहने की कोशिश करते हैं।

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