How Is Generalization Of Mental Health Problematic: मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है जिसके बारे में ना ही ज्यादा बात की जाती है और ना ही इसे ज्यादा सीरियस लिया जाता है। बहुत सारे लोग मेंटल हेल्थ समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन उन्हें सही हेल्प नहीं मिल रही और न ही परिवार का सपोर्ट मिलता है। ऐसे में उनकी हेल्थ प्रॉब्लम को इग्नोर किया जाता है और इलाज के लिए जल्दबाजी नहीं की जाती है। आज के समय में मेंटल हेल्थ बहुत आम समस्या है जिससे बहुत सारे लोग जूझ रहे हैं। इसलिए इसके बारे में बात करना बहुत जरूरी हो गया है आज हम बात करेंगे कि मेंटल हेल्थ को जनरलाइज करना कैसे सही नहीं है?
Mental Health को Generalize करने में क्या समस्या है?
हमारे समाज में मेंटल हेल्थ समस्याओं को बहुत हल्के में ले लिया जाता है। हम इसको एक उदाहरण से समझते हैं- कोई भी व्यक्ति आराम से यह कह देता है उसे एंजायटी है या फिर डिप्रेशन जबकि असलियत में उसे मामूली स्ट्रेस होता है या फिर उसका मन वैसे ही उदास होता है जो की एक नॉर्मल चीज हैह अब जिस व्यक्ति को सच में एंजायटी डिसऑर्डर है या फिर वह डिप्रेशन से जूझ रहा है हालांकि वो थेरेपी के लिए नहीं गया है लेकिन जो चीज वह महसूस कर रहा है और जो उसने अपने आसपास और डिप्रेशन और एंजाइटी के बारे में सुना है, उससे रिलेट नहीं कर पाता हैं जिस कारण वह अपने मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम को आईडेंटिफाई नहीं कर पाते हैं। इसलिए हमें बिना जाने की डिप्रेशन या सोसाइटी क्या है, इसके बारे में नहीं बोलना चाहिए।
अगर आपको लगता है कि आप सिर्फ बवाल कर रहे हैं या फिर ज्यादा रिएक्ट कर रहे हैं तो आप गलत हैं। अगर आप कुछ फील कर रहे हैं या फिर आपको कुछ अच्छा नहीं लगता है तो वह रियल है। इसके बारे में बात करना जरूरी है। आपको किसी की बातों पर यकीन नहीं करना है। आप जो खुद महसूस कर रहे हैं म, उसके ऊपर यकीन करना है और मेडिकल हेल्प के में देरी नहीं करनी है। बहुत सारे लोग मेंटल हेल्थ इश्यूज के बारे में बात नहीं करते हैं क्योंकि इसको लेकर अभी भी समाज में बहुत ज्यादा स्टिग्मा है और लोग इसको लेकर ओपन नहीं हैं अगली बार आपको भी अगर कुछ महसूस हो रहा है और आप उसे किसी के साथ रिलेट नहीं कर पा रहे हैं तब भी आपको उसे पर यकीन करके उसके सॉल्यूशन की तरफ जाना है।