Advertisment

Negative Criticism का सामना कैसे करें?

नकारात्मक आलोचना का सामना करना मुश्किल हो सकता है, खासकर तब जब हमें लगे कि यह अनुचित है। लेकिन इसे संभालने के कुछ स्वस्थ तरीके हैं जो न सिर्फ आपको बेहतर महसूस कराएंगे, बल्कि आपकी खुद की वृद्धि में भी मददगार हो सकते हैं। 

author-image
Anusha Ghosh
New Update
png rre3

(Credit : IndiaToday )

Negative Criticism: नकारात्मक आलोचना का सामना करना मुश्किल हो सकता है, खासकर तब जब हमें लगे कि यह अनुचित है। लेकिन इसे संभालने के कुछ स्वस्थ तरीके हैं जो न सिर्फ आपको बेहतर महसूस कराएंगे, बल्कि आपकी खुद की वृद्धि में भी मददगार हो सकते हैं। 

Advertisment

नकारात्मक आलोचना से निपटने के 5 तरीकों पर गौर करें

1. शांत रहें और प्रतिक्रिया देने में देरी करें

गुस्से या आहत होने की पहली प्रतिक्रिया को दबाएं। जल्दबाजी में जवाब देने से आप कुछ ऐसा कह सकते हैं, जिससे बाद में पछतावा हो। इसके बजाय, कुछ देर रुकें। गहरी सांस लें और अपने दिमाग को शांत करें। इससे आपको चीजों को स्पष्ट रूप से देखने में मदद मिलेगी और आप अधिक संयमित होकर जवाब दे पाएंगे।

Advertisment

2. आलोचना का स्रोत पहचानें

हर आलोचना समान नहीं होती। इस बात पर ध्यान दें कि आलोचना किससे आ रही है। क्या यह कोई विश्वसनीय मित्र या गुरु है जिसकी राय आप महत्व देते हैं? या फिर यह कोई अजनबी है या कोई ऐसा व्यक्ति जिसके पास विषय-वस्तु की कम जानकारी है? आलोचना के स्रोत को समझने से आपको यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि आप उनकी बातों को कितना वजन दें।

3. आलोचना का विश्लेषण करें

Advertisment

यह जरूरी नहीं कि हर आलोचना सही हो। शांत दिमाग से आलोचना का विश्लेषण करें। देखें कि क्या कोई वैध मुद्दा उठाया गया है। क्या ऐसी कोई चीज़ है जिसमें आप वास्तव में सुधार कर सकते हैं? अगर हां, तो इसे सीखने के अवसर के रूप में देखें। नोट्स बनाएं और बाद में उन पर  विचार करें कि आप कैसे सुधार लागू कर सकते हैं।

4. रक्षात्मक होने से बचें

आलोचना का तुरंत यह मतलब नहीं है कि आप असफल हैं। आलोचना को अपने आत्म-सम्मान पर हमले के रूप में न लें। इसके बजाय, रक्षात्मक रुख अपनाने से बचें। अपनी गलतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहें, खासकर अगर आलोचना में दम है।

Advertisment

5. विनम्रता से असहमत हों (यदि आवश्यक हो)

अगर आपको लगता है कि आलोचना अनुचित या गलत है, तो विनम्रता से असहमत हों। अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से और तार्किक ढंग से समझाएं। हालांकि, बहस करने से बचें। अगर दूसरा व्यक्ति आपकी बात नहीं मानता है, तो विनम्रता से सहमत होने का नाटक न करें, लेकिन विवाद को भी बढ़ाएं नहीं।

विचार आत्म-सम्मान गुस्से Negative Criticism
Advertisment