Ways To Eradicate Mental Health Stigma: सबसे पहले हमारे यहां पर कोई भी मेंटल हेल्थ के बारे में बात नहीं करता है। हमेशा ही मेंटल हेल्थ को अनदेखा कर दिया जाता है जिसके नतीजे भी हमें भुगतने पड़ते हैं। अगर कोई व्यक्ति मेंटल हेल्थ से जुडी समस्याओं से गुजर रहा है तो उसकी डेली लाइफ प्रभावित हो सकती है। उसे रोजमर्रा के कामों में परेशानी आ सकती है। वह अपने फैसले नहीं ले सकता और अपने व्यवहार और भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर सकता है। वहीं अगर आपकी मेंटल हेल्थ अच्छी है तो आप अपने इमोशंस और स्ट्रेस को हैंडल कर सकते हैं तोव आप अपने रिश्तों को संभाल सकते हैं। अगर आपकी लाइफ में कोई बदलाव हो रहा है या फिर किसी कठिनाई से गुजर रहे हैं तो आप उसके साथ भी डील कर सकते हैं लेकिन खराब मेंटल हेल्थ के साथ आप इनमें से कुछ भी नहीं कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि कैसे हम मेंटल हेल्थ से जुड़े स्टिग्मा को खत्म कर सकते हैं-
ऐसे करें मेंटल हेल्थ से जुड़े स्टिग्मा को खत्म
खुद को शिक्षित और अवेयर करना
अब बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि वो मेंटल हेल्थ से गुजर रहे हैं और उनके आसपास भी लोग ऐसे हैं जिन्हें भी मेंटल हेल्थ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए वे दोनों ही मेंटल हेल्थ को सीरियसली नहीं ले रहे हैं। अगर हम मेंटल हेल्थ से जुड़ी अफवाहों से या स्टिग्मा से बचना चाहते हैं तो हमें खुद के साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को शिक्षित और अवेयर करना होगा क्योंकि मेंटल हेल्थ भी शारीरिक हेल्थ जितनी ही जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरीके की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या से जूझ रहा है तो उसे मेडिकल हेल्प की जरूरत है।
खुलकर बात करें
हमें मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करनी होगी। हमारे मनों में मेंटल हेल्थ को लेकर जो गलतफहमी है कि ऐसा कुछ नहीं होता है. तुम्हें स्ट्रांग बनने की जरूरत है,यह डिप्रेशन और एंजायटी जैसा कुछ नहीं होता है और यह सब कहने की बातें हैं आदि। इससे आप उस व्यक्ति के लिए और ज्यादा कठिन माहौल पैदा कर रहे हैं। अगर आप इसके बारे में खुलकर बात करेंगे तो दूसरे व्यक्ति को कंफर्टेबल महसूस करवाएंगे और उसे गाइड करेंगे कि तुम्हें मेडिकल हेल्प लेने की जरूरत है या फिर तुम्हें थेरेपी के लिए जाना चाहिए। इससे हम उसे व्यक्ति को इस समस्या से निकाल सकते हैं और एक नया जीवन दे सकते हैं।
सही शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है
हमें मेंटल हेल्थ से जुड़ी बातों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है जिसके कारण हम किसी को भी कोई भी बात बोल देते हैं। मेंटल हेल्थ के बारे में बात करते समय हमें अपने शब्दों का सही इस्तेमाल करना चाहिए। आपके शब्द ऐसे होने चाहिए कि जो दूसरे व्यक्ति की गरिमा और इज्जत को ठेस मत पहुंचाएं। आप अच्छे शब्दों का इस्तेमाल करें। हम बहुत आसानी से बोल देते हैं कि उसे डिप्रैशन, एंजायटी या फिर पैनिक अटैक्स हो रहे हैं लेकिन जब इन शब्दों की हम गहराई में जाते हैं तो हमें फिर समझ आता है कि हमने कैसे इन शब्दों का गलत इस्तेमाल किया। कई बार हम डिप्रेशन में नहीं होते हैं, वैसे ही किसी चीज को लेकर चिंतित होते हैं तो ऐसे में शब्दों के सही इस्तेमाल पर जोर देना चाहिए।
ऐसे लोगों से मिले
हमें ऐसे लोगों से जरूर मिलना चाहिए जिन्होंने मेंटल हेल्थ को करीब से देखा है या इस स्थिति में से गुजरे हैं। ऐसे हमें हिम्मत मिलेगी और उनसे एजुकेशन भी मिलेगी। वह हमें अवेयर भी करेंगे और हमें यह भी महसूस होगा कि हम अकेले नहीं है। यह बिल्कुल नॉर्मल है और कोई भी और कभी भी किसी भी मेंटल हेल्थ से जुडी समस्याओं से गुजर सकता है। इसके साथ ही हमें उस व्यक्ति पर तरस खाने की जरूरत नहीं है। हमें बस उसे उसके साथ प्यार से और काइंड रहने की जरूरत है।
सोशल मीडिया की मदद
हेल्थ के प्रति स्टिग्मा को खत्म करने के में सोशल मीडिया बहुत बड़ा रोल प्ले कर सकता है। आप अपनी स्टोरी दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं और ऐसे चैनल को भी फॉलो कर सकते हैं जो सही जानकारी देते हैं। हम अपने आसपास अच्छा माहौल बना सकते हैं और सही जानकारी को एक समय पर ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं। सोशल मीडिया आपके पास बहुत बड़ा मीडियम है। आपको ऐसा नहीं लगेगा कि आप इस जर्नी में अकेले हैं। जब आप अपनी स्टोरी वहां पर शेयर करेंगे तो आपको अपने जैसे लोग मिलेंगे जो मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।