What is Typical Toxic Parenting and How its Affect Your Kid: माता पिता अपने बच्चों के पालन पोषण में कोई कमी नहीं रखते लेकिन अच्छी परवरिश पर अत्यधिक ध्यान देने के कारण जानें अनजाने मे कई गलतियाँ हो जाती है। जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालती है। उदाहरण से समझे तो 'तारे जमीन पर' मूवी में ईशान और उसके पिता का किरदार काफी हद तक टाक्सिक पैरेंटिंग को दर्शाता है। यह एक ऐसा व्यवहार है जिसमें माता-पिता अनजाने में अपने बच्चों पर मानसिक, भावनात्मक, और शारीरिक रूप से नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह व्यवहार अत्यधिक नियंत्रण, आलोचना, और बच्चों की भावनाओं और जरूरतों की अनदेखी के रूप में प्रकट हो सकता है। इसमें माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की तुलना दूसरों से करते हैं, उनकी कमियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और उनकी उपलब्धियों को नजरअंदाज करते हैं।
टॉक्सिक पैरेंटिंग के 5 प्रमुख प्रभाव
1. Low Self-Esteem
माता-पिता अक्सर बच्चों की तुलना दूसरों से करते हैं, केवल उनकी कमियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और उनकी उपलब्धियों को नज़रअंदाज़ करते हैं। यह व्यवहार बच्चों में निम्न आत्मसम्मान को जन्म देता है। बच्चे खुद को दूसरों से कमतर मानने लगते हैं और आत्मविश्वास की कमी का सामना करते है।
2. Emotional Instability
जिन घरों में भावनात्मक समर्थन और स्थिरता की कमी होती है, वहाँ वे भावनात्मक रूप से अस्थिर हो सकते हैं। बच्चों की भावनाओं को नकाराना या उन्हें उपहास का सामना करना। इसके परिणामस्वरूप, बच्चे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं और अंदर ही अंदर मानसिक संघर्ष से गुजरते हैं।
3. Distrust in Others
माता-पिता बच्चों को अक्सर दूसरों पर अविश्वास करना सिखाते हैं या उनके संबंधों में हस्तक्षेप करते हैं। यह बच्चे के सामाजिक विकास को प्रभावित करता है। बच्चे अन्य लोगों के साथ संबंध बनाने में कठिनाई का अनुभव करते हैं और समाज से दूरी बना लेते हैं।
4. Impaired Decision-Making Ability
ऐसे बच्चे जिन्हें हर छोटे-बड़े फैसले में माता-पिता की अनुमति की आवश्यकता होती है, वे आत्मनिर्भरता की भावना खो देते हैं। विषाक्त पालन-पोषण बच्चे की निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर करता है। बड़े होकर, वे अपनी ज़िंदगी के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में असमर्थ हो सकते हैं और हर समय दूसरों पर निर्भर रह सकते हैं।
5. Distorted Values and Morality
इसके तहत, बच्चे कभी-कभी सही और गलत की स्पष्ट समझ नहीं विकसित कर पाते हैं। माता-पिता द्वारा दिखाए गए उदाहरण, जैसे कि गलत तरीकों से जीतना, दूसरों को नीचा दिखाना, या स्वार्थी होना, बच्चे के मूल्यों और नैतिकता को प्रभावित कर सकता है।
इसके परिणाम बच्चे के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में गहरे निशान छोड़ सकते हैं। इसलिए, माता-पिता को चाहिए कि वे अपने व्यवहार की समीक्षा करें और अपने बच्चों को एक स्वस्थ और समर्थनकारी वातावरण प्रदान करें ताकि वे आत्मनिर्भर और खुशहाल व्यक्तित्व के रूप में विकसित हो सकें।