How Can Mothers Deal With loneliness? हमारे समाज में मां बनना बिल्कुल भी आसान नहीं है। एक मां के ऊपर बहुत सारी अपेक्षाएं होती हैं और इसमें से कुछ अनरियलिस्टिक भी होती हैं। इसके बोझ के नीचे महिलाएं खुद को बहुत अकेला महसूस करती हैं और अपने आप में गलतियां भी निकलाती हैं। उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने समाज द्वारा मां के लिए बनाए हुए रूल्स फॉलो नहीं किए तो वे अच्छी मां नहीं बन पाएगी। चलिए जानते हैं कि माएं कैसे अकेलेपन के साथ डील कर सकती हैं-
जानिए मदर्स कैसे अकेलेपन के साथ डील कर सकती हैं?
बहुत सारे लोगों को लगता है कि मां बनने के बाद अकेलापन महसूस नहीं कर सकती लेकिन मदरहुड में सब लोगों के आसपास होते हुए भी अकेलापन महसूस हो सकता है। इसका कारण यह है कि आसपास के लोग आपको समझने में नाकाम हो जाते हैं। उनकी अपेक्षाओं का बोझ बढ़ता जाता है और आपके पास बात करने के लिए कोई नहीं होता है। आपको लगता है कि अगर आप खुलकर बात करेंगे या फिर अगर आप किसी चीज को मना करेंगे तो तो आपको सेल्फिश बोला जाएगा। इसलिए आप चुप रहते हैं। इसके कारण भी आपको अकेलापन महसूस होता है।
खुलकर बातचीत करें
अकेलेपन से बचने के लिए आपको किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खुलकर बात करनी चाहिए जिस पर आप पूर्ण रूप से विश्वास करते हैं। आपको आसपास पॉजिटिव लोगों का सहारा जरूर लेना चाहिए। यह मैटर नहीं करता है कि आपके पास कितने लोग हैं लेकिन जितने भी लोग आपके पास है चाहे वह बहुत कम हैं लेकिन वे पॉजिटिव जरूर होने चाहिए। अपने आसपास के लोगों का चुनाव समझदारी से करें। इसके साथ ही टॉक्सिक लोगों को अपनी लाइफ से जरूर बाहर निकाले।
सेल्फ केयर
आपको सेल्फ केयर जरूर करनी चाहिए। अकेलेपन का कारण यह भी होता है कि आप अपने ऊपर ध्यान ही नहीं देते हैं। आप पूरा टाइम बच्चों को देते हैं जिसके कारण आपको खुद के लिए समय नहीं मिलता है। आपको अपनी मनपसंद एक्टिविटीज को करना चाहिए जिससे आप खुद के साथ कनेक्ट कर पाएंगे और अपनी कंपनी को इंजॉय करेंगे। ऐसे में आपको किसी के सपोर्ट की कमी ही जरूरत पड़ेगी। इसके साथ ही माइंडफूलनेस एक्टिविटीज में जरूर शामिल होइए। इससे आपका मन और बॉडी दोनों ही रिलैक्स होंगे।
भावनाओं को समझें और स्वीकार करें
अपनी भावनाओं को समझ कर उन्हें स्वीकार करना बहुत जरूरी है। बहुत सारी महिलाएं इस बात को स्वीकार नहीं करती कि उनका मन उदास है या फिर उन्हें अकेलापन महसूस हो रहा है। वह खुद का ही दोष मानती रहती हैं कि उनसे काम नहीं होता है या फिर उनका मन उदास क्यों रहता है। अगर आप स्थिति को स्वीकार करके इसके सॉल्यूशन की तरफ बढ़ेंगे तो आप जरूर इससे बाहर निकाल पाएंगे। इसलिए अपनी फिलिंग्स को किसी के साथ शेयर करें या फिर उन्हें जर्नल जरूर करें।
लाइफ को एंजॉय करें
बच्चा होने के बाद आपको अपनी लाइफ को फिर से शुरू करने के बारे में सोचना चाहिए। मां बनना आपकी लाइफ को बाधित नहीं करता है या फिर इससे आपकी लाइफ खत्म नहीं हो जाती है। यह आप कोई बीमारी भी नहीं है। रिकवरी के साथ-साथ आप अपनी लाइफ को हर दिन नहीं तरीके से शुरू करें और अपने आप को बिजी रखें। पैरेंट बनने का मतलब यह नहीं है कि अब आपकी कोई लाइफ नहीं बल्कि आपको अपनी लाइफ के बाकी हिस्सों की तरफ भी जरूर ध्यान देना चाहिए।