Why Women Must Start Speaking for Themselves? बहुत सारी महिलाएं चुप्पी को ही अपनी ताकत बताती हैं। उनका कहना होता है कि हमने सारी जिंदगी इतने दुख झेले हैं लेकिन कभी किसी को बताया नहीं है। हमने सब कुछ चुपचाप सहन किया है। बहुत सारे लोग ऐसा सोचते हैं कि महिलाओं को सब कुछ चुपचाप सहन करना चाहिए तभी उनका रिश्ता बच सकता है या फिर परिवार जुड़े रह सकते हैं। ऐसे परिवार का क्या फायदा है जहां पर एक व्यक्ति को सबको खुश रखने के लिए चुपचाप रहना पड़े और वह व्यक्ति हमेशा ही औरत होती है। चलिए आज इसके ऊपर बात करते हैं कि महिलाओं को अपनी चुप्पी तोड़कर अब बोलने की जरूरत क्यों है?
महिलाएं चुप्पी को समस्या का समाधान न मानें
सदियों से महिलाएं चुप रहती आ रही हैं। महिलाओं को हमेशा ही चुप रहना सिखाया जाता है। अगर पति उन्हें थप्पड़ मारता है तब भी हम कहते हैं कि बेटा किसी से बात मत करना नहीं नहीं तो तुम्हारा घर टूट जाएगा। अगर पति दहेज मांगता है तो हम उसे दे देते हैं ताकि हमारी इज्जत बनी रहे। अगर लड़का रेप कर देता है तब भी हम कहते हैं कि हम कोई केस नहीं करेंगे या फिर उस लड़के के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। ऐसे चुप रहने से हम पुरषों का हौसला बुलंद करते हैं।
पहले जमाने में ऐसा समझा जाता था कि अगर महिलाएं चुप रहती हैं तो उन्हें सुख मिलते हैं। ऐसा नहीं है चुप रहने से आप हमेशा ही जुर्म करने वाले को हौसला देते हैं। आपमें इतनी हिम्मत होनी चाहिए कि आप गलत को गलत बोल सके। अगर किसी और के साथ भी गलत हो रहा है तब भी आपको जरुर मदद के लिए जाना चाहिए। चुप सबसे खतरनाक चीज है। इससे बड़ा कुछ भी खतरनाक नहीं हो सकता है। इससे बहुत सारी बातें दब जाती हैं, बहुत सारे जुर्म हो जाते हैं और किसी को कोई फर्क भी नहीं पड़ता है।
बहुत सारी पढ़ी-लिखी महिलाएं भी सब कुछ चुपचाप सहन कर लेती हैं क्योंकि उन्हें बचपन से यह सिखाया जाता है कि चुप नहीं रहना है। आपको अपने लिए बोलना ही पड़ेगा। अगर आपको कोई कुछ कह रहा है या जो आपको अच्छा नहीं लगता है तो आपको अपने लिए खुद ही बोलना पड़ेगा। कोई भी आपके लिए स्टैंड नहीं लेगा। इसलिए दूसरों को मना करना सीखें और उनके साथ बाउंड्रीज को जरूर मेंटेन करें। अगर आपको कोई चीज अच्छी नहीं लगती है या फिर आप कुछ नहीं करना चाहते हैं तो खुलकर बताएं कि आपकी क्या राय है।