Love and Possessiveness: रिलेशनशिप में ज्यादा पज़ेसिव क्यों घुटन पैदा करती हैं ?

बढ़ते ऑनलाइन distance रिलेशनशिप में और जब पार्टनर साथ भी रहते हैं, तो उनकी चिंता पज़ेसिवनेस में बदल जाती हैं। पज़ेसिवनेस अक्सर रिश्तों में दूसरे पार्टनर के लिए पिंजड़ा बन जाती हैं, जिसमे से वह उड़ना चाहता हैं। प्यार और पज़ेसिवनेस  में फर्क समझना जरूरी हैं।

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Nainsee Bansal
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Negativity in relationship

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आज के समय में बढ़ते ऑनलाइन distance रिलेशनशिप में और जब पार्टनर साथ भी रहते हैं, तो उनकी चिंता पज़ेसिवनेस में बदल जाती हैं। कितना सही हैं यह पज़ेसिवनेस रिलेशनशिप में, कहीं ये सच्चे प्यार में बाधा तो नहीं, क्या यह आपके पार्टनर के लिए आपकी फिक्र से ज्यादा घुटन तो नहीं। असली प्यार और पज़ेसिवनेस  में फर्क समझना बहुत जरूरी हैं, क्योंकि पज़ेसिवनेस अक्सर रिश्तों में दूसरे पार्टनर के लिए पिंजड़ा बन जाती हैं, जिसमे से वह उड़ना चाहता हैं। 

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Love and Possessiveness: रिलेशनशिप में ज्यादा पज़ेसिव क्यों घुटन पैदा करती हैं ?

तो आइए जानते हैं क्या हैं कारण जिनसे प्यार कैद में बदल सकता हैं:

1. जरूरत से ज्यादा चिंता 

अक्सर couples relationship में बहुत possessive behave करते हैं। रिश्तें में पार्टनर के लिए चिंता होना जायज हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा चिंता uncomfortable महसूस कराती हैं। एक रिश्ते में जब आप समर्पित होते हो या प्यार होता हैं आप विश्वास रखते हो, और अगर समय पर आने को कहा और आपका पार्टनर न आए तो इंतजार करना भी खूबसूरत होता हैं, जरूरी नहीं इसमें उनसे लड़ा या उन्हें अधिक चिंता दिखाकर बार बार मैसेज या कॉल किया जाएं। 

2. बात बात पर टोंकना 

जब रिश्ता बोझ का रूप ले लेता हैं, जब उसमें आजादी छिनती हैं। आज के समय में सब आजादी पसंद करते हैं, और रोक-टोक करना बिल्कुल ही सही नहीं समझा जाता हैं, यह आजादी में व्यवधान पैदा करता हैं, जो हेल्थी और मजबूत रिश्तें की नींव को कमजोर कर देता हैं, साथ ही चिंता, तनाव और गिल्ट भी पैदा करता हैं। 

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3. पुरुष या महिला दोस्त या colleuge से बात न करने देना 

रिश्तों में अक्सर देखा गया कि यदि महिला पार्टनर अपने पुरुष दोस्तों या सहकर्मी से बात करती हैं तो उन्हें उनके पार्टनर धोखेबाज या गलत कहते हैं। यह उल्टा भी होता हैं। लेकिन यह समाज में अक्सर हँसकर टाल दिया जाता हैं पर यह टाँक्सिक भी बन जाता हैं, पता नहीं चलता इलसिए अच्छे रिश्तें में विश्वास और आजादी दोनों ही आवश्यक हैं। 

4. हर बात पर प्रश्न करना 

 अक्सर देखा जाता हैं कि जब पार्टनर बाहर जाएं या कुछ खाएं तो उसे प्रश्न करना चाहे वो बाजार में हो या वो घर पर, यह disturbs mental peace का कारण बन जाता हैं। प्रश्न अगर कम हो तो आजादी महसूस होती हैं, यह कहना कि "जो आपको ठीक लगें आप कीजिए, मैं आपके साथ हूँ " यह वाक्य विश्वास को ही नहीं आपसी प्रेम को भी बढ़ाता हैं। 

5. शक और कंट्रोल करना 

आज के समय में मोबाईल के पास होने या बाजार में सुविधा बढ़ जाने के साथ साथ विश्वास में भी कमी आई हैं, अक्सर पार्टनर अपने पार्टनर को अपनी इच्छा से चलाना चाहते हैं, उन पर शक और कंट्रोल करते हैं, यह उनके लिए एक कैद की तरह बन जाता हैं, जिसमे वे घुटते रहते हैं, यह घुटन उनके लिए mental suffering बन जाती हैं। 

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6. अपने नियम थोंपना 

पार्टनर पर अपने नियम थोंपना बिल्कुल सही नहीं, आपके पार्टनर के भी विचार और इच्छाएं हैं, अपने नियम थोंप कर आप उन पर हैम्पर करते हों। इसलिए स्वस्थ रिश्ते में आजादी होती हैं, विचारों की और हर उस चीज को जो आपके पार्टनर के लिए सही हो इसलिए अपने नियम न थोंपे। 

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