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Constipation Issues: नजरअंदाज न करें कब्ज का होना

blog | sehat: आज जिसे देखो कब्ज की समस्या से जूझ रहा है पर कब्ज क्या है, इसकी जानकारी रखना पहली जरूरत है। कब्ज से जुड़ी जानकारी कब्ज होने से आगे रोक सकती है।

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Prabha Joshi
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आज कब्ज की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है

Constipation Issues: आजकल हर कोई किसी न किसी समय कब्ज की समस्या से जूझ रहा है। कब्ज एक तरह की पेट की बीमारी है जिसका समय रहते इलाज जरूरी है अन्यथा ये अन्य बीमारियों को पैदा कर सकती है। इसी तरह कब्ज किसी गंभीर बीमारी का पूर्व लक्षण भी हो सकती है।

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कब्ज मूलरूप से मलाशय या कोलन में होने वाले डिस्टर्बेंस से पैदा होता है। ये पेट के रोग में आता है। अंग्रेजी में कब्ज को कॉन्सटीपेशन(Constipation) कहते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो कब्ज एक तरह की पेट की समस्या या बीमारी है जिसमें मरीज सप्ताह में तीन बार से भी कम मल त्याग करता है। कब्ज से जुड़े कई लक्षण हैं।

कब्ज के लक्षण क्या हैं

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कब्ज के समय मरीज अच्छे से मलत्याग(Excretion) नहीं कर पाता। मलत्याग के समय मरीज को कष्ट होता है। पेट में दर्द होना, मलत्याग के समय जलन होना, पेट फूला लगना, पेशाब करने में दिक्कत होना, रोजाना की तरह मलत्याग न हो पाना, भूख कम लगना, कभी-कभी मुंह में छाले, चेहरे पर दाने आना, जीभ का रंग बदलना, शरीर में कमजोरी महसूस होना और मूड बदलना जैसे लक्षण हैं। इसके साथ ही अन्य लक्षण भी कब्ज के दौरान देखे जा सकते हैं। कब्ज से पैदा होने वाली समस्याओं में शारीरिक और मानसिक समस्याएं दोनों शामिल हैं। 

क्यों हो जाता है कब्ज 

कब्ज होने के पीछे बहुत से कारण हैं। आजकल की अव्यवस्थित दिनचर्या और अनियमित खानपान ने कब्ज के लक्षण पैदा कर दिए हैं। अव्यवस्थित दिनचर्या के चलते सही डाइट प्रभावित हो रही है। कब्ज के अन्य कारण हैं :-

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शारीरिक मेहनत न करना 

शारीरिक मेहनत न करने से भी कब्ज हो जाता है। ऐसा इसलिए कि निष्क्रिय अवस्था में शरीर के अंगों का काम भी प्रभावित होता है जिससे कब्ज की स्थिति पैदा हो जाती है।

कम पानी पीना 

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आंतें हमारे भोजन से पानी, मिनरल्स और अन्य जरूरी तत्व खींचती या एब्जार्ब करती हैं। ऐसे में कम पानी पीने की स्थिति में जब आंतें भोजन से पानी एब्जार्ब कर रही होती हैं तब बचा हुआ वेस्ट बहुत ज्यादा सूखा हो जाता है जिसका आंतों में सूखा होने के चलते मूवमेंट कम हो जाता है। यही से कब्ज पैदा होता है। 

कम फाइबर लेना 

फाइबर रिच फूड मलत्याग में सहायक होते हैं। फाइबर हमारी पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त रखता है और पेट में कब्ज होने से बचाता है। फाइबर रिच फूड न लेने से शरीर में कब्ज होना स्वभाविक हो जाता है। 

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मानसिक समस्याएं होना

कई बार तनाव, क्रोध और चिंता भी कब्ज के पीछे का कारण बन जाती है। ऐसे में जरूरी है प्रसन्न रहें और योग करें। योग करने से मानसिक समस्याएं दूर होती हैं और कब्ज से छुटकारा मिलता है। 

अन्य दवाएं लेना

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कई बार अन्य बीमारियों से जुड़ी दवाई खाने पर भी कब्ज हो जाता है। दवाईयां कब्ज का कारण बन जाती हैं। प्रेगनेंसी में भी कब्ज की शिकायतें पैदा हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है दवाईयों से कब्ज होने पर अपने विशेषज्ञ से बात करें। 

कब्ज को आम समस्या न समझें। घरेलू उपचार से कब्ज ठीक न होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए कि कब्ज कोई आने वाली गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है। 

चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

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