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Iron Deficiency: तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में थकान महसूस करना, कमजोरी लगातार बने रहना, थोड़ी-सी मेहनत या सुबह उठते ही चक्कर आने लगे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना बेवकूफी होगी। ये लक्षण शरीर में आयरन की कमी यानी आयरन डेफिशिएंसी का संकेत हो सकते हैं। आयरन की कमी एक बहुत सामान्य लेकिन गंभीर स्थिति है, जो खासकर महिलाओं और बच्चों में ज़्यादा देखी जाती है।
क्या हर वक़्त कमजोरी और चक्कर आना आयरन की कमी का संकेत है?
शरीर में आयरन की भूमिका
आयरन एक जरूरी मिनरल है जो शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। हीमोग्लोबिन खून के रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है और इसका काम शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाना होता है। जब शरीर में आयरन की मात्रा कम हो जाती है, तो हीमोग्लोबिन बनना भी कम हो जाता है, जिससे शरीर को ऑक्सीजन कम मिलती है और हम थकान, कमजोरी और चक्कर जैसे लक्षण महसूस करते हैं।
आयरन की कमी के आम लक्षण
आयरन की कमी के लक्षण शुरुआत में समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप लगातार थकान, चक्कर आना, सांस फूलना, त्वचा का पीला पड़ना, बाल झड़ना या नाखूनों के कमजोर होने जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में आयरन की कमी है। खासकर बच्चों में भूख कम लगना भी एक अहम संकेत हो सकता है। ऐसे में ब्लड टेस्ट करवाना जरूरी है।
वे जिन्हें आयरन की कमी अधिक होती है
आयरन डेफिशिएंसी किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है जैसे वे महिलाएं जिनके पीरियड बहुत भारी होते है, गर्भवती महिलाएं, बच्चे और किशोर, शाकाहारी लोग, जिनकी डाइट में आयरन कम होता है, बुज़ुर्ग लोग।
साथ ही वे लोग जिन्हें पेट या आंतों की कोई बीमारी है जिससे पोषण ठीक से नहीं मिल पाता, आयरन की कमी के कारण होता है, आयरन की कमी के कई कारण होते हैं जैसे डाइट में आयरन की कमी, शरीर में आयरन का ठीक से न पचना, बार-बार खून की कमी होना, ज़्यादा पीरियड्स या पेट में अल्सर, प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन की मांग बढ़ना।
बचाव और इलाज?
आयरन की कमी से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है संतुलित और पोषक आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियां जैसे पालक, मेथी, अनार, चुकंदर, खजूर, दालें और राजमा, गुड़ और चना, अंडा, मांस, मछली