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Health Tips: मेनोपॉज के मूड स्विंग के बारे में जानें ये बातें

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में काफी हार्मोनल चेंज होते हैं। जो कि उनके मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करते हैं। मेंटल हेल्थ के अलावा यह शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत प्रभाव डालते हैं। आईए जानते हैं मेनोपॉज के मूड स्विंग के बारे में कुछ खास बातें।

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Anshika Pandey
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Menopause

(Image Credit: File Image)

Fact About Menopause Mood Swings: महिलाओं के जिंदगी का एक ऐसा समय होता है। जहां पर उनकी ओवरी धीरे-धीरे अंडे रीप्रोड्यूस करना बंद कर देती है और उनकी रिप्रोडक्शन की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लग जाती है। इसके बाद उनकी पीरियड्स भी आना बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में काफी ज्यादा हार्मोनल चेंज भी होते हैं। जो कि उनके मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करते हैं। मेंटल हेल्थ के अलावा यह शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत प्रभाव डालते हैं। आईए जानते हैं मेनोपॉज के मूड स्विंग के बारे में कुछ खास बातें।

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मेनोपॉज के मूड स्विंग के बारे में जानें ये बातें

मेडिटेशन मूड स्विंग को करता है दूर 

मेडिटेशन और योग हमारे मेंटल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मेनोपॉज में होने वाले मूड स्विंग और मेंटल हेल्थ पर होने वाले नेगेटिव प्रभाव कम करने के लिए मेडिटेशन और योग बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। 

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लाइफस्टाइल में चेंज जरूरी

स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, ऑयली फूड और जंक फूड शुगर आदि को अवॉइड करना ही सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। हमारे बॉडी में हम जिस भी प्रकार की भोजन को डालते हैं वह हमारे शरीर के ऊपर वैसा ही असर दिखाते हैं। अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना मेनोपॉज के मूड स्विंग को काफी कंट्रोल में रखता है।

फैमिली सपोर्ट भी आवश्यक 

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मूड स्विंग होने पर परिवार का सपोर्ट सबसे ज्यादा जरूरी होता है। फैमिली सपोर्ट से मूड स्विंग को हैंडल किया जा सकता है। फैमिली सपोर्ट से मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है और स्ट्रेस कम होता है। जो की मूको कम करता है।

हार्मोनल चेंज है कारण 

मेनोपॉज के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल चेंज के कारण मूड स्विंग और स्ट्रेस बहुत अधिक हो जाता है। जिससे की मानसिक तनाव बढ़ जाता है और कहीं ना कहीं शारीरिक स्वास्थ्य पर भी धीरे-धीरे प्रभाव पड़ने लग जाता है। 

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फैमिली प्रॉब्लम भी बन सकता है कारण

कई बाल परिवार में चल रही टेंशन और प्रॉब्लम के कारण भी महिलाओं को काफी ज्यादा स्ट्रेस होने लग जाता है। जो कि उनके हार्मोनल चेंज को और भी ज्यादा प्रभावित करने लग जाता है। जिससे के मूड स्विंग बढ़ जाते हैं।

भरपूर नींद

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महिलाओं के द्वारा नींद ना पूरी होने के कारण भी मूड स्विंग हो सकते हैं मेरे पास के दौरान अक्सर महिलाओं में अनिद्रा जैसी तकलीफें देखी जाती हैं। नींद पूरी न होना महिलाओं के मेंटल हेल्थ बहुत अधिक प्रभाव डालता है। जो कि उनके मूड में परिवर्तन और चिड़चिड़ेपन का कारण बन सकता है।

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