हम अक्सर ये सुनते है कि 8 घंटे सोने से हमारी स्किन चमक उठेगी या स्वास्थ बेहतर होगा लेकिन कहते है न आवश्यकता से अधिक कुछ भी लाभदायक नही होता हमेशा नुकसान ही करता है। यह बात ज्यादा सोने के साथ भी लागू होती है। यदि आप रोजाना 9 घंटे से भी अधिक सो रहे हैं, तो ऐसा कई कारणों से हो सकता है। जानें, किन कारणों से आती है अधिक नींद और इसके सेहत पर पड़ने वाले नुकसान क्या हैं?
ज्यादा नींद आने के क्या कारण हो सकते है?
- किसी दवा के सेवन के कारण हो सकता है।
- किसी मेडिकल, साइकियाट्रिक, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के कारण हो सकता है।
- स्लीप डिसऑर्डर के कारण हो सकता है।
- चिंता के कारण हो सकता है।
- अत्यधिक थकान के कारण हो सकता है।
Over-Sleeping Side-Effects: ओवर स्लीपिंग के नुकसान
1. डिप्रेशन
सुनने में अजीब जरूर लग सकता है लेकिन ज्यादा सोने से आपके मूड पर इसका सीधा असर पड़ता हैहै। आप डिप्रेशन के भी शिकार हो सकते है। दरअसल, नींद मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है। बहुत अधिक नींद लेने से व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है। न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन और सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने के लिए व्यक्ति का फिजिकल रूप से एक्टिव होना बेहद आवश्यक है। इससे आपके मूड भी बेहतर होता है।
2. डायबिटीज
सोते वक़्त शरीर की शुगर को प्रोसेस करने की क्षमता प्रभावित होती । जिसके वजह से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक बढ़ जाता है। साथ ही ज्यादा सोने से शरीर में फिजिकल एक्टिविटी कम होने से भी इसका खतरा दुगना हो जाता है।
3. मोटापा
नींद और मोटापे के बीच सीधा संबंध है। शरीर की जरूरत से बहुत कम या बहुत अधिक नींद लेने से आपको मोटापा हो सकता है। दरअसल, जब आप ज्यादा सोते हैं तो आपका शरीर लंबे समय के लिए शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहता हैं। कम शारीरिक गतिविधि के कारण आपका शरीर कम कैलोरी बर्न करता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
4. हार्ट प्रॉब्लम
न्यूरोलॉजी में प्रकाशित 2015 के एक अध्ययन में भी पाया गया कि जहां कम नींद स्ट्रोक के जोखिम को 18 प्रतिशत बढ़ाता है, वहीं अधिक नींद लेने से स्ट्रोक के जोखिम में 46 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
5. सर दर्द व पीठ मे दर्द
ओवर स्लीपिंग से आपको सर दर्द व पीठ में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हमारे शरीर में बनने वाला सेरोटेनिन हार्मोन हमारे सोने और जागने के पैटर्न को कंट्रोल करता है। अगर आप बहुत ज्यादा सोते हैं, तो सेरोटोनिन पर इसका निगेटिव इफेक्ट पड़ता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर को बाधित करता है, जिसकी वजह से सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।
इसके अलावा अगर आपको देर तक सोने की आदत है तो आप अक्सर पीठ दर्द की समस्या से परेशान रहेंगे। मैट्रेस पर देर तक सोने से मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और इस तरह लंबे समय तक सोने से पीठ में दर्द होता है।