Protein: महिलाओं को प्रोटीन की कमी (Protein Deficiency) की वजह से तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रोजाना की भाग दौड़ भरी जिंदगी में समस्याओं का होना आम बात है। ऐसे में प्रोटीन की कमी हमारे लिए तमाम तरह की बीमारियों, दर्द और कमजोरी का कारण बन जाता है। महिलाओं में बाल झड़ना, ख़राब इम्यूनिटी आदि भी प्रोटीन की कमी से ही होती है। महिलाओं के शरीर में पर्याप्त प्रोटीन की मात्रा उनकी पूरी दिनचर्या को ठीक रखता है। जिससे महिलाओं को बहुत कम समस्यायों का सामना करना पड़ता है। जो महिलाएं प्रेगनेंट होती हैं या फिर ब्रैस्ट फीडिंग कराती हैं उनके लिए तो प्रोटीन बहुत ज्यादा जरूरी होता है।
जानिए प्रोटीन की कमी से महिलाओं को कौन सी समस्याएं हो सकती हैं।
1. हार्मोनल असंतुलन
हार्मोन के प्रोडक्शन और रेगुलेशन में प्रोटीन का काफी योगदान होता है। प्रोटीन की कमी हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित और बाधित कर सकती है जिसके परिणामस्वरूप मूड स्विंग्स, अनियमित मासिक चक्र और फर्टिलिटी इश्यूज हो सकते हैं।
2. वीक इम्यून सिस्टम
प्रोटीन हमारे बॉडी के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कम मात्रा में प्रोटीन के सेवन से हमारी इम्यूनिटी वीक हो सकती है। साथ ही महिलाओं में इन्फेक्शन के चांसेस बढ़ सकते हैं। घाव भरने में समय लग सकता है और इससे इम्यून सिस्टम पर असर हो सकता है।
3. मांशपेशियों में प्रॉब्लम्स
मसल्स के डेवलपमेंट के लिए प्रोटीन बहुत आवश्यक है। कम मात्रा में प्रोटीन के सेवन से हमारी बॉडी के मसल्स अच्छे से डेवलप नहीं हो पाते हैं और हमारी बॉडी का अच्छे से विकास नहीं होता है। जिसका परिणाम यह होता है कि हमारी फिजिकल वर्क करने की क्षमता कम हो सकती है। हमें थकान और वीकनेस महसूस होती है।
4. एनीमिया
जैसा की हम जानते हैं कि एनीमिया आयरन की कमी से होता है जबकि प्रोटीन की कमी भी एनीमिया का एक बहुत बड़ा रीज़न हो सकता है। प्रोटीन की कमी एनीमिया को काफी हद तक बढ़ाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रेड ब्लड सेल्स को बनाने में प्रोटीन की आवश्यकता होती है जिससे पूरी बॉडी में ऑक्सीजन पहुंचता है। प्रोटीन की कमी से रेड ब्लड सेल्स के न बनने से एनीमिया का कारण बन सकता है, जिसकी वजह से बॉडी में थकान, वीकनेस और सांस की प्रॉब्लम हो सकती है।
5. इंपेयर्ड ग्रोथ और डेवलपमेंट
शरीर की वृद्धि और विकास के लिए प्रोटीन का सेवन बहुत अधिक आवश्यक होता है। खास तौर पर बचपन, किशोरावस्था और प्रेग्नेंसी जैसे फास्ट ग्रोथ के समय में प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। इस स्टेज में प्रोटीन की कमी से प्रॉपर ग्रोथ और डेवलपमेंट में कमी आ सकती है जिससे ग्रोथ रुक जाती है जिसकी वजह से डिलेड प्यूबर्टी और फ़ीटल डेवलपमेंट जैसी प्रॉब्लम्स होती हैं।