What effect does drinking excessive water have on the body: हम सबको अपनी प्यास बुझाने और नियमित तौर पर हाइड्रेट रहने के लिए पानी पीने की आवश्यकता होती है। पानी का सही मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण तो है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं अधिक मात्रा पानी पीने से शरीर पर क्या असर पड़ता है।
बहुत ज्यादा पानी पीने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
1. हाइपोनेट्रेमिया का खतरा
जब हम अत्यधिक मात्रा में पानी पीते हैं, तो हमारे शरीर में सोडियम के स्तर को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। सोडियम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट है जो कोशिकाओं के बीच के जल संचार को नियंत्रित करता है। जब सोडियम का स्तर घट जाता है, तो इसे हाइपोनेट्रेमिया कहते हैं। इसके लक्षणों में सिरदर्द, मिचली, उल्टी, थकान और गंभीर मामलों में मस्तिष्क में सूजन शामिल हैं, जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
2. किडनी पर अतिरिक्त दबाव
हमारी किडनी शरीर में जल संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। जब हम अत्यधिक पानी पीते हैं, तो किडनी को इसे छानने और शरीर से बाहर निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह लगातार दबाव किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और दीर्घकालिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि किडनी की बीमारियाँ।
3. मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन
पानी के अत्यधिक सेवन से केवल सोडियम ही नहीं, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे कि पोटैशियम और मैग्नीशियम का भी संतुलन बिगड़ सकता है। ये इलेक्ट्रोलाइट्स मांसपेशियों की संकुचन, नर्व कार्य और हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, ऐंठन और अनियमित हृदय धड़कन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
4. पाचन तंत्र पर असर
अत्यधिक पानी पीने से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की सांद्रता कम हो सकती है, जो पाचन प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है। इससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और पोषक तत्वों का अवशोषण भी प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, बार-बार पेशाब के माध्यम से महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी शरीर से बाहर निकल सकते हैं, जिससे पोषण की कमी हो सकती है।
5. मस्तिष्क और शरीर के समन्वय में बाधा
हमारे मस्तिष्क और शरीर के विभिन्न हिस्सों के बीच समन्वय बनाए रखने में इलेक्ट्रोलाइट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जब इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर अत्यधिक पानी पीने से असंतुलित हो जाता है, तो मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इससे चक्कर आना, भ्रम और प्रतिक्रिया समय में देरी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है।