Sexual Balance in Midlife: महिलाएं 40 के बाद अपनी intimate पलों को कैसे जीएं

महिलाओं में 40s में हार्मोनल परिवर्तन महसूस होते हैं, जो उनके कामेच्छा और सेक्सुअल पलों को भी एफेक्ट करते हैं। लेकिन मिड लाइफ सेक्सुअल लाइफ का एंड नहीं हैं। महिलाएं इन पलों को बेहतर तरीके से जी सकती हैं और खुद को महसूस कर सकती हैं।

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Nainsee Bansal
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Sexual health

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महिलाओं में 40s में हार्मोनल, भावनात्मक, सामाजिक कई परिवर्तन महसूस होते हैं, जो उनके कामेच्छा और सेक्सुअल पलों को भी एफेक्ट करते हैं। लेकिन यह याद रखना जरूरी हैं कि मिड लाइफ सेक्सुअल लाइफ का एंड नहीं हैं। महिलाएं इन पलों को बेहतर तरीके से जी सकती हैं और खुद को महसूस कर सकती हैं। इस समय लाइफ में बैलेंस और कुछ नया सीख कर, महिलाएं शरीर में होने वाले बदलाव से खुद को अधिक प्रभावित न होने दे। यह समय एक ऐसा समय हैं जो महिलाओं को खुद के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करता हैं, लेकिन रुकने के लिए नहीं। 

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Sexual Balance in Midlife: महिलाएं 40 के बाद अपनी intimate पलों को कैसे जीएं

महिलाएं कैसे इन बदलावों के साथ सेक्सुअल मूवमेंट्स को और खुलकर जीएं। आइए, जानते हैं:

शरीर और मन में होने वाले बदलाव को समझना 

हार्मोनल बदलाव: अक्सर मेनोपॉज और पैरीमेनोपॉज के कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन का स्तर बदलता हैं, जिससे कामेच्छा और शारीरिक प्रतिक्रियाओं पर असर पड़ता हैं। 

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मानसिक स्वास्थ्य: इस उम्र में होने वाले बदलावों के कारण मानसिक तनाव और चिढ़ चिढ़ा होना आम हैं। महिलाएं इससे खुद को बैलेंस करना चाहती हैं पर आसान नहीं होता हैं। साथ ही तनाव के कारण उनकी इच्छाओं पर बहुत असर पड़ता हैं।

Self-Acceptance: महिलाएं अक्सर शारीर में होने वाले बदलावों को स्वीकार नहीं कर पाती हैं। इसलिए बदलावों को समझना और स्वीकार करना सेल्फ हेल्प की तरफ एक नया स्टेप हैं।

महिलाएं कैसे सेल्फ केयर और सेक्सुअल इंटिमेसी बैलेंस करे

Physical care: महिलाएं एक्ससाइज, योगा और स्मॉल वॉक को अपने लाइफ का हिस्सा बनाएं। नींद लेना और physical एक्टिव होना आपकी सेक्सुअल हेल्थ को बेहतर बनाता हैं। साथ ही हेल्थी डाइट भी इसका हिस्सा हैं, उसे बिल्कुल स्किप न करें।

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ओपन कम्युनिकेशन: अपने पार्टनर से खुल कर अपनी चिंताओं और इच्छाओं को कहना जरूरी होता हैं। इससे आपके पार्टनर को आपके बारे में समझने और आपकी सेक्सुअल हेल्थ का ध्यान रखने में भी मदद करता हैं। यह पार्टनर को और अधिक पास लाता हैं क्योंकि इंटिमेसी सिर्फ physical नहीं इमोशनल भी होती हैं।

मेंटल हेल्थ: योगा और माइंडफुलनेस जैसी ऐक्टिविटी को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं। इससे कॉन्फिडेंस और अटेंशन जैसी ऐक्टिविटी इम्प्रूव होती हैं। साथ ही आप आसपास के लोगों से जुड़ पाते हैं। क्योंकि खुद की बेहतरी दूसरों के तरह एक नई और पॉजिटिव सीढ़ी होती हैं।

इंटीमेट मूवमेंट्स को कैसे खुलकर जीएं

नई ताकत और उम्र: यह समय महिलाओं को उनको और बेहतर समझने का मौका होता हैं। आप खुद को और बेहतर समझ कर अपने पार्टनर से नई ऊर्जा के साथ खुलकर जीएं। आप अपनी लाइफ को नया डायमेंशन से जोड़ती हैं। इससे आप और इंटीमेट मूमेंट्स को जीती हैं।

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इंपावरमेंट: जब महिलाएं खुद को खुलकर कहती हैं और समाज में व्यक्त करती हैं, तो वह मजबूत बनती हैं। आपकी इच्छा व्यर्थ नहीं यह समझना भी आवश्यक हैं। खुलकर खुद को अपने पार्टनर से अपनी इच्छाओ का ब्यौरा दें।

Emotional expression: इंटीमेसी सिर्फ physical नहीं emotional भी होता हैं। और आपका अनुभव यह आपको बताता हैं। इसे खुलकर कहें और जीएं। क्योंकि सेक्सुअल ऐक्टिविटी सिर्फ शारीरिक नहीं मन और मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ी होती हैं।

सामाजिक मिथकों को तोड़े

समाज समझता हैं 40 में आते ही महिलाओं की सेक्सुअल ऐक्टिविटी वीक और वे बेजान होती हैं। लेकिन नहीं इस समय महिलाएं अधिक कॉन्फिडेंट और एक्सेप्टेंस के साथ खुद को जीती हैं। तो आप खुद को महसूस और एक्सप्रेस करके समाज के myths को जरूर तोड़ों। आपकी इंटिमेसी आज भी आपका चुनाव हैं जो आपको खुद को महसूस करने का एक और कदम हैं।

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