हमारे समाज में महिलाओं के लिए शादी एक निजी फैसला ना होकर सामूहिक फैसला होता है। खुद के लिए वर चुनने की महिलाओं को इजाजत नहीं होती है। महिलाओं के खुदके फैसले से ज्यादा उनके घर वाले, चाचा, ताऊ, अन्य रिश्तेदार, आस-पड़ोसी इन सब की हां अधिक महत्व रखती हैं।
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