Advertisment

जानिए Emotional Imbalance के साथ निपटने के ये उपाय

भावनात्मक तौर से स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है लेकिन ज्यादातर लोग इसके ऊपर ध्यान नहीं देते हैं कि किस स्थिति पर कब और कैसे रिएक्ट करना है। जब हमारा अपनी भावनाओं के ऊपर कोई कंट्रोल नहीं रहता है तो इसे हम इमोशनल इंबैलेंस कहते हैं।

author-image
Rajveer Kaur
New Update
Female Emotions(freepik)

File Image

How To Cope With  Emotional Imbalance: भावनात्मक तौर से स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है लेकिन ज्यादातर लोग इसके ऊपर ध्यान नहीं देते हैं कि किस स्थिति पर कब और कैसे रिएक्ट करना है। यह बहुत जरूरी है लेकिन जब हमारा अपनी भावनाओं के ऊपर कोई कंट्रोल नहीं रहता है तो इसे हम इमोशनल इंबैलेंस कहते हैं। इससे ग्रस्त व्यक्ति कभी बहुत गुस्से में आ जाता है या फिर उदासी में रहता है। इसके कारण उसकी ओवरऑल वेल्बीइंग के ऊपर असर पड़ता है। इस स्थिति में व्यक्ति छोटी-छोटी बातों के ऊपर भी बहुत ज्यादा रिएक्ट करता है जो बिल्कुल सही नहीं है। चलिए जानते हैं कि कैसे आप इसके साथ निपट सकते हैं-

Advertisment

जानिए Emotional Imbalance के साथ निपटने के ये उपाय

सेल्फ अवेयरनेस

इमोशनल इंबैलेंस को मैनेज करने के लिए आपको सेल्फ अवेयरनेस होना बहुत जरूरी है। जब तक आप खुद को नहीं जानेंगे और आपको पता नहीं होगा कि आप क्या हैं तब आपका अपनी भावनाओं के ऊपर कोई भी कंट्रोल नहीं होगा। आपको अपने ट्रिगर्स को पहचाना होगा। उन स्थितियों, लोगों और घटनाओं के ऊपर बात करनी होगी जिसकी वजह से आपका आपके इमोशंस बेकाबू हो जाते हैं। इसके साथ ही आप अपने इमोशंस को लेबल करना शुरू करें कि आप किस समय क्या महसूस कर रहे हैं।

Advertisment

माइंडफूलनेस

माइंडफूलनेस बहुत जरूरी है। आपको रोजाना मेडिटेशन या फिर डीप ब्रीदिंग करनी चाहिए। इसके अलावा आप योग भी कर सकते हैं। इससे आप अपनी भावनाओं के ऊपर काबू पा सकते हैं। आप अपने आप को समझने लग जाएंगे। आपके अंदर एक ठहराव आ जाएगा। आप चीजों के ऊपर तीव्रता से रिएक्ट करने की बजाय सोच समझकर उन्हें सुलझाएंगे। इससे आप फोकस में रहेंगे। आपको इस बात की आपको समझ होगी कि आप कब क्या कर रहे हैं।

जर्नलिंग

Advertisment

बहुत सारे लोगों को यह समझ नहीं आता है कि उन्हें कब क्या करना है या फिर उन्हें अपने इमोशंस बहुत ज्यादा स्ट्रेस देते हैं क्योंकि वह उन्हें समझ ही नहीं पाते। ऐसे में जर्नलिंग बहुत मदद कर सकती है। इससे आप अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। आपको एक मेंटल क्लेरिटी मिल जाएगी कि आप क्या हैं या आप किस तरीके से चीजों को सोचते हैं। इससे आप अपने पैटर्न भी समझ पाएंगे कि आप कैसे चीजों के ऊपर रिएक्ट कर सकते हैं। इसलिए जर्नलिंग भी इमोशनल बैलेंस के लिए एक बढ़िया तरीका हो सकता है।

लोगों का साथ

आपको अपने आसपास ऐसे लोगों का साथ रखना चाहिए जो ऐसे समय में भी आपका साथ दें जब आप कंट्रोल में नहीं होते हैं। आपको लोगों का फायदा नहीं उठाना है बल्कि उनकी मदद से खुद में सुधार लाना है। आपके पास पास ऐसे लोग होने चाहिए जिनके साथ आप खुलकर बातचीत कर सकें। वे आपको जज मत करें। आपको भी उनकी बात को सुनना चाहिए और उनके साथ भी अगर आप बुरा व्यवहार करते हैं तो आपको इसके लिए माफी भी मांगनी चाहिए। आप प्रोफेशनल मदद भी ले सकते हैं।

Advertisment

सेल्फ केयर

ऐसे समय में सेल्फ केयर बहुत जरूरी है। आप अच्छे तरीके से नींद लें। ऐसा खाना खाएं जिसमें आपको सभी पौष्टिक तत्व मिले। आप खूब सारा पानी पिएं ताकि आपकी बॉडी हाइड्रेट रह सके। इसके साथ ही आपको लोगों के साथ बाउंड्रीज सेट करनी होगी और दूसरों की बाउंड्रीज को भी फॉलो करना होगा। अगर आपके लिए चीजें बहुत ज्यादा स्ट्रेसफुल हो जाती हैं या फिर बोझ बन जाती हैं तो आप उन्हें छोटे-छोटे हिस्सों में भी बांट सकते हैं। इसके साथ ही खुद को पॉजिटिव रखें।

Emotional Accept Your Emotions Emotional Bonding emotion
Advertisment