Women should do these 7 yoga asanas to strengthen their bones: महिलाओं में हड्डियों से सम्बंधित समस्याएं अक्सर देखने को मिलती हैं और बढ़ती उम्र में यह समस्याएं ही महिलाओं की लाइफ को मुस्किल बना सकती हैं। लेकिन योग हड्डियों से जुडी समस्याओं के लिए फायदेमंद है। नियमित रूप से योग का अभ्यास हड्डियों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, खासकर महिलाओं के लिए, जिन्हें उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोपोरोसिस विकसित होने का अधिक खतरा होता है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे योगासन जो महिलाओं की हड्डियों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।
महिलाएं हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए करें ये 7 योगासन
1. त्रिकोणासन
करने का तरीका: पैरों को चौड़ा करके खड़े हो जाएँ, अपने दाहिने पैर को बाहर की ओर और अपने बाएँ पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें। अपने हाथों को बगल की ओर फैलाएँ और अपने दाहिने हाथ को अपनी पिंडली या फर्श की ओर ले जाने के लिए कूल्हे पर झुकें, जबकि बायाँ हाथ ऊपर की ओर पहुँचे। अपने बाएँ हाथ को देखें। पकड़ें और फिर बाजू बदलें।
फायदे: पैरों, कूल्हों और रीढ़ को मजबूत करता है, संतुलन और स्थिरता में सुधार करता है और कंधों और छाती को फैलाता है।
2. वीरभद्रासन II
करने का तरीका: पैरों को चौड़ा करके खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर को बाहर की ओर और बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर मोड़ें, अपने दाएं घुटने को मोड़कर उसे टखने के ऊपर रखें, अपने हाथों को बगल की ओर फैलाएं और अपने दाएं हाथ पर नज़र डालें। पकड़ें और फिर साइड बदलें।
फायदे: पैरों, कूल्हों और हाथों को मजबूत करता है और सहनशक्ति में सुधार करता है।
3. उत्कटासन
करने का तरीका: पैरों को एक साथ रखकर खड़े हो जाएं, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने कूल्हों को नीचे करें जैसे कि आप कुर्सी पर बैठे हों। अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए अपनी भुजाओं को ऊपर की ओर फैलाएं। मुद्रा को पकड़ें।
फायदे: जांघों, कूल्हों और रीढ़ को मजबूत करता है, संतुलन में सुधार करता है।
4. वृक्षासन
करने का तरीका: एक पैर पर खड़े हों, विपरीत पैर के तलवे को भीतरी जांघ या पिंडली पर रखें (घुटने से बचें)। अपने हाथों को अपनी छाती के सामने एक साथ लाएं या उन्हें ऊपर की ओर उठाएं। पकड़ें और फिर साइड बदलें।
फायदे: पैरों और कोर को मजबूत करता है, संतुलन और समन्वय में सुधार करता है।
5. सेतु बंधासन
करने का तरीका: घुटनों को मोड़कर और पैरों को ज़मीन पर सपाट रखकर पीठ के बल लेट जाएँ, कूल्हों की चौड़ाई के बराबर दूरी रखें। अपने पैरों और बाहों को ज़मीन पर दबाते हुए अपने कूल्हों को छत की ओर उठाएँ। मुद्रा को बनाए रखें।
फायदे: रीढ़, कूल्हों और जांघों को मजबूत करता है, छाती और गर्दन को फैलाता है।
6. अधो मुख श्वानासन
करने का तरीका: हाथों और घुटनों के बल पर शुरू करें, अपने कूल्हों को ऊपर और पीछे उठाएँ, एक उल्टा V-आकार बनाएँ। अपने हाथों को कंधे की चौड़ाई के बराबर और पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखें। अपनी एड़ियों को ज़मीन की ओर दबाएँ और मुद्रा को बनाए रखें।
फायदे: बाहों, पैरों और रीढ़ को मज़बूत बनाता है, हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों और कंधों को फैलाता है।
7. भुजंगासन
करने का तरीका: अपने पेट के बल लेट जाएँ और हथेलियाँ अपने कंधों के नीचे रखें। अपनी छाती को ज़मीन से ऊपर उठाने के लिए अपने हाथों को दबाएँ, अपनी कोहनी को थोड़ा मोड़कर अपने शरीर के पास रखें। थोड़ा ऊपर देखें और मुद्रा को बनाए रखें।
फायदे: रीढ़ को मज़बूत बनाता है, छाती और कंधों को फैलाता है, मुद्रा को बेहतर बनाता है।