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आज के समय में महिलाएं चलती सामाजिक व्यवस्था, काम का दबाव और निजी संघर्ष की वजह से खुद को समय देना भूल ही जाती हैं। सेल्फ-कंपैशन का मतलब खुद के लिए kind होने से ही नहीं, बल्कि खुद को समझने से भी हैं। जब आज महिलाएं अपने लिए समय देती हैं तो उन्हें स्वार्थी कहा जाता हैं। लेकिन महिलाएं सामाजिक उम्मीदों के चलते भी खुद को समझ नहीं पाती हैं। उन्हें बचपन से ही दूसरों के लिए समर्पित होना सिखाया जाता हैं। लेकिन यह सब उन्हें खुद को समझने नहीं देता हैं। खुद को समझना और खुद के लिए दयालु होना उतना ही जरूरी हैं जितना दूसरों के लिए। आइए, जानते हैं कि महिला कैसे खुद को कठिन परिस्थित में भी समझे।
Self-Compassion: कैसे महिलाएं कठिन समय में खुद के लिए kind बने
खुद से कम्युनिकेशन को बदले
महिलाएं अक्सर नेगेटिव सेल्फ टॉक करती देखी जाती हैं। लेकिन यह मानसिक स्वास्थ्य और खुद को समझने में घातक हैं। नेगेटिव बातों से खुद के प्रति ही नेगेटिव पर्सपेक्टिव बन जाता हैं। नेगेटिव विचार को पॉजिटिव विचार में बदलें क्योंकि आपका नजरिया आपको समझने में मदद करता हैं।
छोटी छोटी रिचुअल्स बनाएं
अपने लिए समय निकालना, खुद को समझना, संगीत सुनना और अपनी क्रिएटिविटी पर ध्यान देना - जैसी ऐक्टिविटी माइंड को बूस्ट ही नहीं बल्कि हेल्थी भी रखती हैं। माइंडफुल breathing और छोटी छोटी एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी हैं, इससे आप अपने और करीब आएंगी।
गिल्ट ट्रेप से बाहर निकले
महिला जब खुद को समय देती हैं तो अक्सर गिल्ट में चली जाती हैं। इस ट्रेप से बाहर उनके लिए बहुत जरूरी हैं। खुद का ख्याल रखना गिल्ट नहीं खुद को nourish करने का मौका हैं। खुद को गिल्ट की घुटन नहीं खुशी का गिफ्ट दें।
सहानुभूति को ताकत बनाएं
समाज अक्सर ताकत और शक्ति को सहानुभूति मानता हैं। लेकिन खुद को समझना और खुद के लिए नरमी रखना भी compession हैं। इसे समझे और खुद को समय दें।
सामुदायिक सहारा लें
sisterhood और कम्युनिटी सपोर्ट जैसी चीजें 'waste'नहीं 'best' हैं। आपको समझने के साथ साथ आपको कॉम्पेशिंट बनाती हैं। दूसरों को सहारा देना और खुद को समझना एक साथ चलता हैं। कम्यूनिटी साथ में उड़ने के साथ साथ खुद को समझने का भी बेहतर जरिया हैं। आपकी Happiness सिर्फ आपके नए-नए तरीकों से इम्ब्रैस होती हैं।
मेंटल हेल्थ को प्रायोरिटी दे
सेल्फ-कंपेशन मेंटल हेल्थ कन्सर्शन को समझने का सबसे अच्छा चांस होता हैं। मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर जैसे एंग्जाइटी और पैनिक अटैक में खुद को समय देना या समझना बहुत मददगार होते हैं। ऐसे में फिर आप अपने ही बेहतर साथी बनते हैं। Be Kind With Yourself ये आपका खुद के लिए मोटवैशन सेन्टन्स होना चाहिए। क्योंकि खुद को समझन आपके लिए ही नहीं आपके अच्छी और हेल्थी लाइफ दोनों के लिए जरूरी हैं।
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