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Photograph: (Pinterest & Huffingtonpost)
आज की भागदौड़ वाली दिनचर्या के चलते महिलाओं में विटामिन की कमी बहुत आम हो चुकी है। कई बार शरीर शुरुआती संकेत देता है, लेकिन महिलाएँ इसे काम का तनाव या हार्मोनल बदलाव समझकर नज़रअंदाज़ कर देती हैं। जबकि सच यह है कि विटामिन की कमी धीरे-धीरे आपकी एनर्जी, immunity और ओवरऑल health पर असर डालती है। खासतौर पर जिंक, आयरन, विटामिन D, और विटामिन B12 की कमी थकान, कमज़ोर इम्युनिटी और हड्डियों की समस्याओं का कारण बन सकती है। समय रहते इनके संकेत पहचानना और लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव करना बेहद ज़रूरी है, ताकि फ्यूचर में सीरियस deficiency से बचा जा सके।
Vitamin Deficiency: महिलाओं में विटामिन की कमी के संकेत और ज़रूरी लाइफस्टाइल बदलाव
1. थकान, कमजोरी और एनर्जी की कमी
अगर आपको लगातार थकान रहती है, दिमाग धुंधला-सा लगता है, चक्कर आते हैं या हाथ-पैर सुन्न होते हैं, तो ये विटामिन B12 deficiency के आम संकेत हो सकते हैं।B12 की कमी से RBC कम होते हैं, जिससे शरीर तक ऑक्सीजन सही से नहीं पहुँच पाती और एनर्जी लेवल ड्रॉप हो जाता है।
2. बालों का झड़ना और brittle nails
भारत में इंडोर लाइफस्टाइल की वजह से महिलाओं में विटामिन D की कमी बहुत आम है। इसकी कमी बाल झड़ने, मूड स्विंग्स और हड्डियों के दर्द का कारण बन सकती है। इसके अलावा बायोटिन (Vitamin B7) और विटामिन E की कमी से बालों का texture बदलना, रफ़ स्किन और nails का आसानी से टूटना भी देखने को मिलता है।
3. बार-बार बीमार पड़ना
अगर मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम, गला खराब होना, या इंफेक्शन बार-बार होता है, तो यह विटामिन C और ज़िंक की कमी से जुड़ा हो सकता है। ये दोनों eliments की इम्युनिटी को मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
4. मूड स्विंग्स और Anxiety
कुछ महिलाओं में मूड imbalance की वजह माइक्रोन्यूट्रिएंट डेफिशियेंसी भी होती है। विटामिन D और B-कॉम्प्लेक्स मूड रेग्युलेशन में मदद करते हैं। इनकी कमी irritability, low concentration, anxiety या हल्का डिप्रेशन ट्रिगर कर सकती है।
5. स्किन डलनेस और स्लो हीलिंग
अगर आपकी स्किन जल्दी डल, ड्राई होने लगी है या चोट भरने में ज्यादा समय लग रहा है, तो यह विटामिन A और विटामिन E deficiency से जुड़ा हो सकता है। क्योंकि ये दोनों विटामिन सेल रिपेयर और हेल्दी स्किन texture बनाए रखने में जरूरी होते हैं।
लाइफस्टाइल बदलाव
1. बैलेंस्ड डाइट सबसे ज़रूरी
डाइट में हरी सब्ज़ियाँ, दालें, अंडे, दूध-दही, ड्राई फ्रूट्स, मौसमी फल और whole grains शामिल करने से विटामिन्स B, C, D, E और essential मिनरल्स की नेचुरल पूर्ति होती है।
2. रोज 15–20 मिनट धूप लें
सुबह की हल्की धूप शरीर में विटामिन D synthesis के लिए सबसे effective मानी जाती है। यह deficiency रोकने का सबसे आसान तरीका है।
3. स्ट्रेस मैनेजमेंट करें
स्ट्रेस और नींद दोनों न्यूट्रीएंट ऐबसॉर्प्शन को प्रभावित करते हैं। ध्यान, योग और डीप ब्रीदिंग हार्मोनल बैलेंस सुधारते हैं जिससे विटामिन्स बेहतर एब्सॉर्ब होते हैं।
4. सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह
हर डेफिशियंसी अलग होती है, इसलिए supplements हमेशा ब्लड टेस्ट और डॉक्टर की सलाह के बाद ही लें।
5. रेगुलर हैल्थ चेकअप
साल में एक बार हैल्थ चेकअप deficiency को early stage में पकड़ने में मदद करता है और रिकवरी जल्दी होती है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।
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