आज के समाज में परिवार छोटे होते जा रहे हैं। इस कारण पेरेंटिंग का सारा प्रेशर मां-बाप के ऊपर आ जाता है। उन्हें बच्चे की हर छोटी से लेकर बड़ी जरूरत का ध्यान रखना पड़ता है।
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