समाज में अक्सर महिलाओं को ज्यादा भावुक और कमजोर बताया जाता हैं।और उनकी इमोशनल हेल्थ को बस मूड स्विंग का नाम दे दिया जाता हैं। वास्तव में, इसका कारण सिर्फ सिर्फ बायोलॉजिकल नहीं साइकोलॉजिकल और सोशियोलॉजिकल भी हैं।
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